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आर्थिक वृद्धि के लिये इक्विटी बाजार काफी नहीं, मजबूत ऋण बाजार की भी जरूरत: सान्याल

आर्थिक सलाहकार के मुताबिक प्रोत्साहन के बावजूद, महामारी प्रतिबंधों के हटने के बाद भी बैंक ऋण वृद्धि छह प्रतिशत के निम्न स्तर पर ही है। हालांकि और क्षेत्रों को खोले जाने से वृद्धि को गति मिलेगी।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 08, 2021 20:41 IST
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Photo:PTI

'आर्थिक वृद्धि के लिये मजबूत ऋण बाजार की जरूरत'

नई दिल्ली। प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने बुधवार को कहा कि देश को दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि के लिये बैंक कर्ज जैसी ऋण पूंजी के मजबूत समर्थन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शेयर बाजार अकेले वृद्धि को लंबे समय तक बनाये नहीं रख सकता। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है, जब शेयर बाजार नित नये रिकार्ड स्तर पर पहुंच रहे हैं तथा कई कंपनियां पूंजी जुटाने के लिये शेयर बाजार में उतर रही हैं। हाल में कई कंपनियों ने प्रारम्भिक शेयर निर्गम के जरिये पूंजी जुटाई है। सान्याल ने कहा कि बैंकों के बही-खाते दुरुस्त हुए हैं और उन्हें अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये तेजी से कर्ज दायरा बढ़ाने की जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि देश को बड़े आकार के बैंकों की जरूरत है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने गैर-बैंकिंग इकाइयों के संगठन एफआईडीसी (फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अगर आप आर्थिक इतिहास देखें, लंबे समय तक तीव्र आर्थिक वृद्धि केवल इक्विटी बाजार के दम पर नहीं हुई है। जो वृद्धि हुई है, वह ऋण पूंजी के जरिये हुई और उसमें से काफी ज्यादा बैंकों से आया।’’ स्टार्ट-अप और अन्य कंपनियों के कई मुद्दों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, इक्विटी बाजारों के माध्यम से जोखिम पूंजी तक पहुंच अच्छी स्थिति है। ऋण बाजार भी बहुत बुरा नहीं कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी बांड बाजार अभी विकसित नहीं है। सान्याल ने कहा कि अगर वृद्धि को दशकों तक बनाये रखना है तो भारत को वर्तमान स्थिति के मुकाबले बड़े आकार की बैंक व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बैंकों को कर्ज गतिविधियां बढ़ाने की जरूरत है। प्रोत्साहन के बावजूद, महामारी प्रतिबंधों के हटने के बाद भी बैंक ऋण वृद्धि छह प्रतिशत के निम्न स्तर पर ही है। शायद इसका कारण मांग का कम होना है। 

सरकार कर्ज बढ़ाने के इरादे से ‘ऋण मेलों’ की योजना बना रहे हैं। सान्याल ने कहा कि कोविड ​​​​-19 संकट आने से पहले ही बैंक व्यवस्था को दुरूस्त कर दिया गया। इससे भारत उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है जिनके पास वृद्धि का समर्थन करने के लिए एक मजबूत प्रणाली है। उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी लहर पर सरकार की पैनी नजर है और यह केरल में पहले ही आ चुकी है। दूसरी लहर में भी पहले एक ही राज्य में असर हुआ था, उसके बाद यह दूसरे राज्यों में फैला। सरकार इस पर नजर रख रही है। सान्याल ने कहा कि सरकार कोविड महामारी की रोकथाम के विभिन्न उपायों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रही है, और क्षेत्रों को खोले जाने से वृद्धि को गति मिलेगी। 

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