नई दिल्ली। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है।
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना अगर भारत से की जाए तो भारत का भंडार पाकिस्तान के मुकाबले करीब 40 गुना बड़ा है, भारत के पास 415 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। अमेरिका ने आतंकवाद को लेकर जबसे पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं तबसे उसके विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है, पिछले साल मई में उसका विदेशी मुद्रा भंडार 16.4 अरब डॉलर था।
पाकिस्तान के लगातार घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से उसे अपने खर्चे चलाना मुश्किल साबित हो रहा है और उसे चीन के सामने हाथ फैलाने पड़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन से पाकिस्तान 1-2 अरब डॉलर का कर्ज मिलने की उम्मीद लगाए बैठा है जिसमें से करीब 50 करोड़ डॉलर का कर्ज जल्द मिल सकता है।
दुनियाभर में चीन के पास सबसे अधिक विदेशी मुद्रा भंडार है, चीन के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में उसका विदेशी मुद्रा भंडार 3125 अरब डॉलर दर्ज किया गया है जो भारत के मुकाबले 7-8 गुना अधिक है। चीन के बाद 1256 अरब डॉलर के साथ जापान दूसरे और 7.57 अरब डॉलर के साथ स्विटजरलैंड तीसरे नंबर पर है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में भारत 5वें नंबर पर पहुंच जाएगा जो अभी 8वें नंबर पर है।