राजस्थान में कोटपुतली और किशनगढ़ को कनेक्ट करने वाला 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण होने वाला है। यह एक्सप्रेसवे जयपुर, सीकर सहित पांच जिलों से होकर गुजरेगा। पत्रिकाडॉटकॉम की खबर के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे 181 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 6906 करोड़ रुपये आने का अनुमान है। माना जा रहा है कि दिसंबर 2025 से इस एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो सकता है। इस 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद 5 घंटे का सफर लोग महज 2 घंटे में पूरी कर सकेंगे।
दिल्ली से जयपुर पहुंचना होगा आसान
खबर के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत होने पर दिल्ली से जयपुर की यात्रा आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के जरिये खाटू श्यामजी, मकराना, नावा, कुचामन सिटी और किशनगढ़ सहित अन्य जगहों पर आसानी से पहुंच सकेंगे। यह एक्सप्रेसवे राज्य सरकार के बजट में शामिल 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में से एक हैं।
कोटपुतली से किशनगढ़ के बीच कैसे-कैसे गुजरेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे किशनगढ़ के एनएच-48 और एनएच-448 से शुरू होकर कोटपुतली के पनियाला एनएच-148बी तक जाएगा। इस दौरान यह कुल 1679 हेक्टेयर जमीन को कवर करेगा। इस एक्सप्रेसवे की सड़क की चौड़ाई 100 मीटर होगी। आपको बता दें, सरकार ने इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली है। इसके निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारियां आखिरी चरण में है। मौजूदा समय में कोटपुतली से किशनगढ़ के लिए 225 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
पत्रिकाडॉटकॉम की खबर के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन सिटी, सीकर, जयपुर और अजमेर जिले से होकर गुजरेगा। यह किशनगढ़, दूदू, नरैना, आकोदा, जैतपुरा, डयोढ़ी-कोड़ी, अणतपुरा, पचकोडिया, खंडेला, पलसाना, रींगस, खाटू श्यामजी, रेनवाल, कुचामनसिटी, नावां, मकराना होते हुए कोटपूतली तक कनेक्ट होगा।
क्या होता है एक्सप्रेसवे
एक्सप्रेसवे एक विशेष प्रकार का हाई स्पीड वाला, नियंत्रित पहुंच मार्ग होता है जिसे मुख्य रूप से लंबी दूरी के यातायात को सुगम बनाने के लिए डिजाइन किया जाता है।
प्रमुख विशेषताएं
- लेन क्षमता: इसमें सामान्यतः प्रत्येक दिशा में कई लेन होती हैं ताकि अधिक यातायात संभाला जा सके।
- गतिशीलता: इसका प्राथमिक लक्ष्य यातायात बाधाओं को कम करके तेज यात्रा सुनिश्चित करना है।
- बाधाओं में कमी: इसमें चौराहों, स्टॉपलाइट और तीखे मोड़ों जैसी चीज़ें न्यूनतम रखी जाती हैं या पूरी तरह समाप्त कर दी जाती हैं।
- सीमित पहुंच: सामान्य सड़कों की तुलना में एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकास द्वार सीमित संख्या में होते हैं, जिससे यातायात का प्रवाह बाधित नहीं होता।
संक्षेप में, एक्सप्रेसवे एक ऐसा अवरोध-मुक्त मार्ग है जो वाहनों को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक अधिकतम गति और सुरक्षा के साथ पहुँचाने पर केंद्रित होता है।






































