कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए शेयरहोल्डरों को 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 77.50 रुपये का डिविडेंड दिया जाएगा।
अल्ट्राटेक सीमेंट ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2029-30 तक सीमेंट की सालाना मांग 64 करोड़ टन को पार कर जाने की उम्मीद है।’’ वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक अल्ट्राटेक की क्षमता बढ़कर सालाना 18.28 करोड़ टन हो गई है। कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2025-26 और वित्त वर्ष 2026-27 में 2.65 करोड़ टन सालाना क्षमता बढ़ाने की है।
श्री सीमेंट लिमिटेड ने 30 जनवरी की एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा था कि कंपनी के बोर्ड ने शेयरहोल्डरों के लिए डिविडेंड का ऐलान किया है। कंपनी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 50 रुपये का डिविडेंड दिया जाएगा।
इस्पात और सीमेंट उद्योग कुछ लोगों के हाथों में हैं। वे हमेशा दरें तय करते हैं। उनके बीच साठगांठ देश के लिए एक बड़ी समस्या है।
बिहार में कंपनी के अबतक के अनुभव के बारे में शुक्ला ने कहा, मुझे लगता है कि अनुभव उत्साहजनक रहा है, और मैं इस बैठक में भाग लेने के लिए दूसरी बार यहां इसलिए आया हूं, ताकि मैं अपना आभार व्यक्त कर सकूं।
कंपनी के निदेशक मंडल ने गुरुवार को हुई मीटिंग में इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के 7.06 करोड़ शेयर खरीदने के लिए वित्तीय निवेश करने को मंजूरी दे दी।
इस क्षेत्र में नई क्षमता हमें उत्तरी राज्यों राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और एनसीआर क्षेत्र में अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाएगी। ह निवेश उत्तर भारत के तेजी से बढ़ते और आकर्षक सीमेंट बाजारों में हमारे प्रवेश का प्रतीक होगा।
Cement Manufacturers Association: सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने नया अध्यक्ष नियुक्त कर लिया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।
सीमेंट की कीमतें घट सकती हैं। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण इनकी कीमतें आसमान पर पहुंच गई थीं। लेकिन कच्चे माल की कीमतें घटने से राहत मिली है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने कहा है कि सीमेंट कंपनियां नवंबर में कीमतों में 10 रुपये से 30 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी करने की योजना बना रही हैं।
ग्रीन सीमेंट बनाने में मुख्य तौर पर भट्ठियों से निकला स्लैग यूज किया जाता है।
क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लागत में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है।
कीमतों में वृद्धि का कारण कच्चे माल की लागत के दबाव को बताया गया है। बढ़ती मांग के चलते कोयला और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
एसोसिएशन ने कहा कि लॉकडाउन के साथ साथ कामगारों की कमी के कारण निर्माण में आई देरी से प्रोजेक्ट की लागत 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अर्थव्यवस्था को खोलने की दिशा में कदम उठाने के साथ मई 2020 के बाद से हालात में सुधार हुआ
महामारी से प्रभावित बीता वित्त वर्ष 2020-21 बड़ी सीमेंट कंपनियों के लिए अच्छा रहा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान बड़ी सीमेंट कंपनियों के शुद्ध लाभ में बढ़ोतरी हुई और उनकी बाजार स्थिति और मजबूत हुई।
नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सड़क और दूसरी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में इस्पात और सीमेंट की भारी मांग सृजित हो रही है
भारत की बात की जाए तो जनवरी 2020 में यहां सीमेंट के 50 किलो के कट्टे का औसत दाम 349 रुपये था, जो कि जनवरी 2021 में बढ़कर 420- 430 रुपये तक पहुंच गया है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रा प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बनाई है, अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रही तो सरकार के लिए प्रोजेक्ट लागू करने में काफी मुश्किल होगी। इस्पात की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
Big steel, cement firms operating as a cartel; need to place regulator, गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा।
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