क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माताओं ने रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से लागत में वृद्धि का बोझ ग्राहकों पर डालना शुरू कर दिया है।
कीमतों में वृद्धि का कारण कच्चे माल की लागत के दबाव को बताया गया है। बढ़ती मांग के चलते कोयला और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
एसोसिएशन ने कहा कि लॉकडाउन के साथ साथ कामगारों की कमी के कारण निर्माण में आई देरी से प्रोजेक्ट की लागत 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अर्थव्यवस्था को खोलने की दिशा में कदम उठाने के साथ मई 2020 के बाद से हालात में सुधार हुआ
महामारी से प्रभावित बीता वित्त वर्ष 2020-21 बड़ी सीमेंट कंपनियों के लिए अच्छा रहा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वित्त वर्ष के दौरान बड़ी सीमेंट कंपनियों के शुद्ध लाभ में बढ़ोतरी हुई और उनकी बाजार स्थिति और मजबूत हुई।
नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सड़क और दूसरी ढांचागत सुविधाओं के निर्माण में इस्पात और सीमेंट की भारी मांग सृजित हो रही है
भारत की बात की जाए तो जनवरी 2020 में यहां सीमेंट के 50 किलो के कट्टे का औसत दाम 349 रुपये था, जो कि जनवरी 2021 में बढ़कर 420- 430 रुपये तक पहुंच गया है।
गडकरी ने कहा कि सरकार ने अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपये के इंफ्रा प्रोजेक्ट लागू करने की योजना बनाई है, अगर कीमतें ऐसी ही बढ़ती रही तो सरकार के लिए प्रोजेक्ट लागू करने में काफी मुश्किल होगी। इस्पात की कीमतों में पिछले छह महीनों में 65 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
Big steel, cement firms operating as a cartel; need to place regulator, गडकरी ने कहा कि यदि स्टील और सीमेंट की कीमतें इसी तरह बढ़ती रहीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को 5 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना साकार करना मुश्किल होगा।
अंबुजा सीमेंट ने शेयर बाजार को अलग से दी जानकारी में कहा कि सीसीआई ने भारत में सीमेंट कंपनियों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा को रोकने के आरोप की जांच शुरू की है।
कंपनी ने कहा कि 1 जनवरी, 1990 से लेकर 1 जनवरी, 2019 के बीच शहीद हुए सैनिकों के परिवार को 4000 वर्ग फुट तक के प्लॉट में घर बनाने के लिए फ्री में सीमेंट उपलब्ध कराया जाएगा।
स्टील और सीमेंट सेक्टर में अप्रैल के दौरान सबसे तेज गिरावट दर्ज
आवश्यक वस्तुओं की भारी मांग को देखते हुए और सड़क मार्ग से माल की आवाजाही बहुत कम होने के चलते इन मालगाड़ियों को फलों, सब्जियों, खाद्यान्नों, नमक और चीनी जैसी जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए मुक्त कराना जरूरी है।
इमामी समूह ने अपना सीमेंट कारोबार बेचने के लिए निरमा से समझौता किया है।
आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन सितंबर में 5.2 प्रतिशत घट गया है। बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आई है।
आर्थिक सुस्ती का असर सीमेंट उद्योग पर भी हुआ है और इस वर्ष अप्रैल से मांग में कमी की समस्याएं आ रही हैं, जिसके कारण अभी सीमेंट कंपनियां अपनी पूरी क्षमता से परिचालन नहीं कर पा रही हैं।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के दौरान घरेलू सीमेंट उत्पादन में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वृद्धि वित्त वर्ष 2018 में साल दर साल के आधार पर छह प्रतिशत थी।
जीएसटी परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सीमेंट जैसी निर्माण कार्य में काम आने वाली वस्तुओं पर कर दर में कटौती हो सकती है।
सीमेंट कंपनियों के मुताबिक महंगी परिवहन लागत के असर को कम करने के लिए अगले छह महीने में सीमेंट के दाम 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की वृद्धि दर अगस्त माह में घटकर 4.2 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले समान माह में 4.4 प्रतिशत थी।
लेटेस्ट न्यूज़