श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, EPFO का पहली बार हिस्सा बनने वाले सदस्यों में सर्वाधिक 2.17 लाख की संख्या 18-21 साल के उम्र वाले कर्मचारियों की रही।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारकों के लिये ई-पासबुक सुविधा शुरू की। ईपीएफओ ने बयान में कहा कि इसके साथ सदस्य विस्तार से अपने खातों का विवरण देख सकेंगे।
पिछले सााल मार्च 2022 में, ईपीएफओ ने 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज घटाकर का घटाकर 8.1 प्रतिशत प्रतिशत कर दिया था। जो कि बीते 4 दशकों की सबसे कम दर थी।
बीते साल करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था।
प्राइवेट नौकरियां करने वाले लोग जब एक कंपनी से दूसरी कंपनी में करते हैं तो वो अपने पीएफ अकाउंट मर्ज कराना भूल जाते हैं, जो कि बहुत जरूरी है। आइए आज आपको पीएफ अकाउंट मर्ज कराने के फायदे बताते हैं।
क्या आपने कभी वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (Voluntary Provident fund) के बारे में सुना है। प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में पैसा जमा करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को इसके बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।
एम्पलॉयी प्रोविडेंट फंड (EPF) पर मिलने वाले ब्याज को लेकर सरकार इस महीना बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों की मानें तो इस वित्त वर्ष पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर में कटौती की जा सकती है।
जब किसी कर्मचारी की उम्र 58 साल हो जाती है तो उसका EPF अकाउंट मैच्योर हो जाता है और वो इसमें जमा राशि निकाल सकता है। लेकिन अकाउंट मैच्योर होने से पहले पैसा निकालने पर टीडीएस कटता है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने अंशदाताओं को अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए तीन मई तक का वक्त दिया है।
22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन-योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था।
संगठित क्षेत्र में सभी नौकरीपेशा लोगों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में अंशदान करना होता है। कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) इसी का एक हिस्सा है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दिसंबर, 2022 में शुद्ध रूप से 14.93 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह दो प्रतिशत अधिक है। श्रम मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
नवंबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था। इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था।
अगर आप नौकरी करते हैं और हर महीने अपनी आय का एक छोटा सा हिस्सा भविष्य निधि के रूप में जमा करवाते हैं तो आपको EPS-95 के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए।
देश और दुनिया में काफी तेजी से छंटनी हो रही है। इस बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। देश में नए मौके नौकरी जाने की तुलना में कई गुना मिल रहे हैं। इस खबर में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा था।
मौजूदा दौर में EPFO के नियमों के अनुसार न्यूनतम सैलरी सीमा 15000 रुपए प्रति माह हैं। किसी भी कंपनी में वे कर्मचारी जो 15000 रुपये से अधिक वेतन पाते हैं, उनका अनिवार्य रूप से EPFO काटे जाने का प्रावधान है।
दुनिया में एक तरफ तेजी से कंपनियां छंटनी कर रही हैं तो वहीं भारत में नौकरी के अवसर मिल रहे हैं। भारतीय कंपनियां खुब हायरिंग कर रही हैं। इसका अंदाजा सितंबर महीने की रिपोर्ट को देखकर लगाया जा सकता है।
जो लोग ईपीएफ से अलग एक सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं वे पब्लिक प्रोविडेंट फंड का सहारा लेते हैं। इसके लिए उन्हें बैंक या पोस्ट आफिस में या बैंक में पीपीएफ खाता खुलवाकर निवेश करना होता है।
अगर आप ईपीएफ अंशधारक हैं तो इस बीमा के लिए आपको कोई प्रीमियम नहीं देना होता है। बीमा प्रीमियक की रकम आपके नियोक्ता की ओर से की जाती है।
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