देश में नियुक्ति गतिविधियां जुलाई में पिछले महीने के मुकाबले 11 प्रतिशत बढ़कर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। यह कोविड-19 के कारण प्रभावित कारोबार क्षेत्र के उबरने और आर्थिक पुनरुद्धार की मजबूत वापसी दर्शाता है।
डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने व्यापारियों को डिजिटल माध्यम को अपनाने के बारे में शिक्षित करने के लिए पूरे भारत में करीब 20,000 फील्ड सेल्स कार्यकारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अगर आप भी नौकरी की तलाश में है या नौकरी बदलना चाहते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। 3 लाख से ज्यादा नई नौकरियां आने वाली है। ऐसे में इसके लिए अपने आपको तैयार कर लें।
देश में रोजगार परिदृश्य और आर्थिक संभावनाओं को लेकर शहरी भारतीयों का विश्वास कमजोर बना हुआ है, हालांकि जुलाई में सभी उपभोक्ता विश्वास में वृद्धि दर्ज की गई है।
देश में धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाए जाने के साथ जून में ज्यादातर क्षेत्रों में नियुक्ति की गतिविधि में सकरात्मक वृद्धि दर्ज की गयी। जॉब पोर्टल साइकी मार्केट नेटवर्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून में नियुक्ति गतिविधियों में सुधार देखा गया, जो गैर-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में भी सुधार का संकेतक है।
लिंक्डइन पर भारत में नियुक्ति दर इस साल मार्च में 50 प्रतिशत थी जो अप्रैल 2021 में घटकर 10 प्रतिशत पर आ गयी। वित्त, कॉरपोरेट सेवा, विनिर्माण, स्वास्थ्य और हार्डवेयर तथा नेटवर्किंग जैसे कुछ प्रमुख उद्योग सक्रियता से नियुक्ति कर रहे हैं।
कंपनी के मुताबिक आधी नौकरियां महिलाओं के लिये होगी और ये डिजाइन, मार्केटिंग, सप्लाई चेन, फाइनेंस आदि क्षेत्रों में मिलेंगी।
योजना के तहत 58.50 लाख अनुमानित लाभार्थियों के लिये 22,810 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है। योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है।
आईटी क्षेत्र ने कुशल प्रतिभा क्षेत्र में सबसे अधिक नियुक्ति की है और वित्त वर्ष 2020-21 में 1,38,000 लोगों को नौकरी दी है।
विभिन्न उद्योगों खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्वचालन के रफ्तार पकड़ने के साथ 1.6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाली घरेलू सॉफ्टवेयर कंपनियां 2022 तक 30 लाख कर्मचारियों की छंटनी करेंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक पांच प्रतिशत उद्योग नौकरियों के विज्ञापन देने के लिहाज से मासिक आधार पर सकारात्मक बढ़त का संकेत दे रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने वैश्विक श्रम बाजार के लिए अप्रत्याशित संकट पैदा कर दिया है, जिससे रोजगार बाजार वर्षों तक प्रभावित होगा।
एजेंसी ने कहा कि विश्वभर में महामारी की लहर बार-बार आने से कामकाजी समय का नुकसान बढ़ा है। 2021 की पहली तिमाही में 4.4 प्रतिशत कामकाजी समय का नुकसान हुआ, यानी 14 करोड़ पूर्णकालिक श्रमिक एक साल तक काम कर सकते थे।
प्रमुख भारतीय ग्लोबल बिजनेस समुह डार्विन प्लेटफॉर्म ग्रुप ऑफ कंपनीज (DPGC) ने 40 लाख भारतीयों को नौकारी देने के साथ ही इसके जरिए इस वित्त संकट से देश को मुक्त करने के लिए रोजगार सृजन के उपायों की घोषणा की है।
बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे कुछ शहरों में नियुक्ति संबंधी गतिविधियों में सकारात्मक वृद्धि भी देखी गयी
भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के आने और उसके बाद कई जगहों पर लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही अप्रैल में नौकरियों की जानकारी संबंधी गतिविधि में तीन प्रतिशत की कमी आयी।
फिलहाल स्थिति उतनी बदतर नहीं है जितनी की पहले लॉकडाउन में देखी गई थी। उस समय बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।
इस भागीदारी के तहत अडानी लॉजिस्टिक्स लिमिटेड मुंबई में अपने आगामी लॉजिस्टिक हब में 5.34 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल वाले गोदाम का निर्माण करेगी, जिसे फ्लिपकार्ट को पश्चिमी भारत में ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पट्टे पर दिया जाएगा।
दुनियाभर में छोटे व्यवसाय अभी भी चल रही महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच यह सामने आया है कि भारत में छोटे और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी) बड़े स्तर पर बंद हो रहे हैं।
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