बीएसई सेंसेक्स 9.83 अंकों की मामूली बढ़त लेकर 79,496.15 अंकों पर बंद हुआ तो वहीं दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 6.90 अंकों की गिरावट के साथ 24,141.30 अंकों पर बंद हुआ।
आज बीएसई सेंसेक्स की 30 में से 15 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए और बाकी की 15 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में 23 कंपनियों के शेयर तेजी के साथ हरे निशान में बंद हुए।
भारतीय शेयर बाजार में आज आई तेजी के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत मुख्य वजह रही। ट्रंप की जीत से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला।
अमेरिकी चुनाव में जैसे-जैसे ट्रंप की जीत पक्की होती गई, वैसे-वैसे बाजार की बढ़त भी बढ़ती चली गई और अंत में सेंसेक्स 901.50 अंकों की तेजी के साथ 80,378.13 अंकों पर बंद हुआ और निफ्टी 50 भी 270.75 अंकों की तेजी के साथ 24,484.05 अंकों पर बंद हुआ।
एक समय तो सेंसेक्स गिरते-गिरते 78,296.70 अंकों तक और निफ्टी 23,842.75 अंकों तक पहुंच गया था। हालांकि, दोपहर 1 बजे के बाद बाजार में खरीदारी में अचानक तेज उछाल देखने को मिला, जिसके बाद बाजार पहले तो हरे निशान में आया और फिर अंत में बड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के कारण ये गिरावट दर्ज की गई। इसी बीच भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
सोमवार को सेंसेक्स की 30 में से 24 कंपनियों के शेयर नुकसान के साथ लाल निशान में बंद हुए और सिर्फ 4 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए। तो वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 50 की भी 50 में से 42 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन बंद होने पर सेंसेक्स की 30 में से 26 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में और 4 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह, निफ्टी 50 की भी 50 में से 42 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में और 8 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए।
भारतीय शेयर बाजार में आज यानी 1 नवंबर को दीपावली की छुट्टी है और शाम 6 बजे से 7 बजे तक चलने वाला 1 घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन शुरू हो चुका है। मुहूर्त ट्रेडिंग पर पुराने पैटर्न को फॉलो करते हुए बाजार आज एक बार फिर बड़ी छलांग लगाते हुए खुला।
आज बीएसई सेंसेक्स 553.12 अंकों की गिरावट के साथ 79,389.06 अंकों पर और निफ्टी 50 135.50 अंकों की गिरावट के साथ 24,205.35 अंकों पर बंद हुआ। बताते चलें कि बुधवार को भी शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे और आज गिरावट के साथ ही शुरुआत भी की थी।
लाल निशान में खुले शेयर बाजार में शानदार रिकवरी देखने को मिली लेकिन अंत में एक बार फिर बिकवाली हावी होने पर बाजार नुकसान में आ गया और बड़ी गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुआ।
एल्सिड इंवेस्टमेंट्स के शेयरों में ये बढ़ोतरी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर आयोजित एक स्पेशल कॉल ऑक्शन सेशन के बाद हुई, जिसका उद्देश्य होल्डिंग कंपनियों की कीमतों का पता लगाना था, जहां एल्सिड के शेयरों की कीमत 2.25 लाख रुपये थी।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स की 30 में से 20 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और बाकी की 10 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले। जबकि निफ्टी 50 की 50 में से 32 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 14 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले जबकि 4 कंपनियों के शेयर बिना किसी बदलाव के साथ खुले।
हफ्ते के पहले दिन बाजार खुलने पर सेंसेक्स की 30 में से 25 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ हरे निशान में और बाकी के 5 कंपनियों के शेयर घाटे के साथ लाल निशान में खुले।
बीएसई सेंसेक्स 122.18 अंकों की तेजी के साथ 80,187.34 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर एनएसई निफ्टी 50 भी 18.65 अंकों की बढ़त के साथ 24,418.05 अंकों पर खुला। कल गुरुवार को भी शेयर बाजार हरे निशान में खुला था और लाल निशान में बंद हुआ था।
सेंसेक्स की 30 में से 22 कंपनियों के शेयरों ने हरे निशान में कारोबार शुरू किया तो 8 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले। इसी तरह, निफ्टी 50 की 50 में से 27 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 18 कंपनियों के शेयर लाल निशान में खुले।
सोमवार को अच्छी बढ़त के साथ खुला घरेलू शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था। पिछले कई हफ्तों से शेयर बाजार में जारी बिकवाली की वजह से लगातार गिरावट देखने को मिल रही है।
सोमवार को सुबह 09.18 बजे सेंसेक्स की 30 में से 21 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 9 कंपनियों के शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। इसी तरह, निफ्टी 50 की 50 में से 31 कंपनियों के शेयर बढ़त के साथ और 19 कंपनियों के शेयर घाटे के साथ कारोबार कर रहे थे।
मैक्वेरी ने इसमें कहा है कि चीन द्वारा की गई प्रोत्साहन पहल निवेशकों को आकर्षित कर सकती है। इसके साथ ही, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि इस तरह की और घोषणाएं चीनी शेयरों को बढ़ावा दे सकती हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट के लिए भारत का दबदबा बना रहेगा।
शेयर बाजार में जारी भारी गिरावट के बीच छोटे निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में तमाम निवेशकों के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि गिरते हुए बाजार में अब उन्हें क्या करना चाहिए।
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