सिद्धारमैया एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में 2013 से 2018 तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल कांग्रेस के कद्दावर नेता के रूप में गिने जाने वाले सिद्धारमैया कई सालों तक जनता परिवार के विभिन्न दलों में प्रभावी पदों पर रहे। मुख्यमंत्री बनने से पहले वह जनता दल (सेक्युलर) के नेता के तौर पर 2 बार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 13 मई 2013 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। सिद्धारमैया का जन्म 12 अगस्त 1948 को तत्कालीन मैसूर स्टेट में हुआ था। 10 साल की उम्र तक उनकी कोई औपचारिक शिक्षा-दीक्षा नहीं हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से स्तानक किया और फिर कानून की डिग्री ली। कुरुबा गौड़ा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1978 में की थी, जब मैसूर के एक वकील नंजुंदा स्वामी की नजर उनपर पड़ी। सिद्धारमैया इसके बाद मैसूर तालुका के लिए चुने गए। फिर 1983 में सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी से विधानसभा चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने। सिद्धारमैया की इस जीत ने पूरे राज्य में काफी चर्चा बटोरी थी। सिद्धारमैया ने 1985 में हुए मध्यावधि चुनावों में एक बार फिर चामुंडेश्वरी से जीत हासिल की और रामकृष्ण हेगड़े की सरकार में मंत्री बनाए गए। उन्हें 1989 के चुनावों में कांग्रेस के दिग्गज नेता एम. राजशेकर मूर्ति के हाथों हार का सामना करना पड़ा। 1994 में किस्मत ने साथ दिया और वह एक बार फिर जनता दल के टिकट पर विधायक बने। उन्हें एचडी देवगौड़ा की सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया। जनता दल के बंटवारे के बाद उन्होंने जनता दल (सेक्युलर) का दामन थामा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने। 1999 में हुए विधानसभा चुनावों में सिद्धारमैया को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 2004 में जब जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनी, तब सिद्धारमैया को पहली बार उपमुख्यमंत्री बनाया गया। 2005 आते-आते सिद्धारमैया और एचडी देवगौड़ा में मतभेद खुलकर सामने आ गए। देवगौड़ा ने सिद्धारमैया को जनता दल सेक्युलर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पहले तो सिद्धारमैया ने एक अलग पार्टी बनानी चाही, लेकिन कर्नाटक में ऐसी पार्टियों का हश्र देखकर उन्होंने कांग्रेस के साथ जाना सही समझा। इसके बाद सिद्धारमैया को 2006 और 2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर जीत मिली। 2013 में सिद्धारमैया की किस्मत एक बार फिर रंग लाई और इस बार चुनाव जीतकर वह पहली बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे।
कर्नाटक के अत्तिबेले में हुए अग्निकांड के मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए सिद्धारमैया सरकार ने जहां 3 अफसरों को सस्पेंड कर दिया है वहीं शादियों, रैलियों और गणेश उत्सव में पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है।
बेंगलुरू की एक पटाखा गोदाम सह दुकान में भीषण आग लगने से 12 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हो गए हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है। जानकारी के मुताबिक पटाखा गोदाम में आग लगने के बाद जोरदार धमाका हुआ जो दूर तक सुनाई दिया।
आगामी लोकसभा चुनाव में अब बहुत ही कम समय रह गया है। ऐसे में राजनीतिक बयानबाजियों का दौर भी शुरू हो गया है। सिद्धारमैया के इस विवादित बयान को भाजपा जनता के सामने भुना सकती है।
गृह लक्ष्मी योजना कांग्रेस की पांच चुनाव पूर्व ‘गारंटी’ में शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने पांच गारंटी में तीन- शक्ति, गृह ज्योति और अन्न भाग्य को पहले ही लागू कर दिया है व उल्लेख किया कि गृह लक्ष्मी चौथी योजना है।
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के 100 दिन पूरे हो गए हैं। इस मौके पर सिद्धारमैया ने पांच चुनावी गारंटी के कार्यान्वयन के साथ-साथ 'विकास के रथ' का नेतृत्व करने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की।
कर्नाटक कांग्रेस में पनप रहे असंतोष के बीच पार्टी के बड़े नेताओं के साथ होने वाली इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सिद्धारमैया जब से मुख्यमंत्री बने हैं उनके घर के सामने कई गाड़ियां खड़ी रहती हैं, जिसके चलते उनके पड़ोसी बुजुर्ग शख्स अपनी गाड़ी नहीं निकाल पाते हैं। रोज-रोज की इस समस्या से परेशान इस बुजुर्ग के सब्र का बांध आखिर टूट गया।
सियासी गलियारों में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कर्नाटक कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और नेताओं के बयान भी इसी तरफ इशारा करते नजर आते हैं।
कर्नाटक के कद्दावर नेता बीके हरिप्रसाद के ताजा बयानों से लगता है कि उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय के प्रभारी सिद्धरमैया ने वित्त वर्ष 2023-24 का बजट विधानसभा में आज पेश किया। इस बार सिद्धरमैया ने 3.27 लाख करोड़ रुपये के आवंटन वाला बजट कर्नाटक विधानसभा में पेश किया है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ‘जनता दर्शन’ के दौरान मदद की गुहार लेकर आई एक एसिड अटैक पीड़िता को नौकरी देने का निर्देश दिया है।
कर्नाटक सरकार ने ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत चावल देने के लिए केंद्र सरकार ने इस अनाज की मांग की थी, लेकिन उसने स्टॉक की कमी की बात कहकर असमर्थता जता दी थी।
कर्नाटक में बिजली की दरों में भारी बढ़ोत्तरी हुई है जिसके बाद व्यापारी और कारोबारी सड़कों पर उतरकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करा रहे हैं।
कर्नाटक बंद से सामान्य जनजीवन में कुछ बाधा आने की संभावना है। ऐसे समय में जब लोग गुस्से में हैं और विपक्षी भाजपा बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर आड़े हाथ ले रही है, डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने बेंगलुरु में कचरा कर लगाने का भी संकेत दिया।
पार्वती सिद्धारमैया की बीमारी के बारे में जानकारी दिए बगैर अस्पताल ने कहा कि मुख्यमंत्री के परिवार ने अस्पताल से उनकी निजता का सम्मान करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस आलाकमान कर्नाटक में जारी सियासी बयानबाजी पर नजर बनाए हुए है। कांग्रेस नहीं चाहती है कि लोकसभा और बेंगलुरु निकाय चुनाव से पहले दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटबैंक को खोने का जोखिम उठाया जाए।
कर्नाटक में सरकार ने महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने राज्य में शक्ति योजना लॉन्च कर दी है। इस योजना के तहत आज से महिलाएं पूरे राज्य में फ्री में बस में यात्रा कर पाएंगी।
केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा है कि गोहत्या रोधी कानून के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी को अपना रुख साफ करना चाहिए।
सिद्धारमैया को गाली देने वाले शख्स की कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा जमकर पिटाई कर दी गई। इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस वर्ष लगभग 4.7 लाख स्नातक और लगभग 50,000 डिप्लोमा छात्र पास आउट होने पर सालाना लगभग ₹1,274 करोड़ खर्च करने पड़ सकते हैं।
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