Ram Navami 2025: हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ थी। राम नवमी के दिन देशभर के राम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। खासतौर से भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में राम जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। राम नवमी के अवसर पर दूर-दूर से भक्तगण अयोध्या आते हैं और अपने प्रभु के दर्शन करते हैं। राम नवमी के दिन रामायण का पाठ करना भी अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। रामायण का पाठ करने से घर-परिवार में खुशहाली और सकारात्मकता बनी रहती है। राम नवमी के दिन अगर श्री रामचरितमानस की इन चौपाइयों का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। तो इस राम नवमी के पावन अवसर पर श्री रामचरितमानस के इन चौपाइयों का पाठ जरूर करें।
रामचरितमानस की इन चौपाइयों का करें पाठ
1. मंगलमूल रामु सुत जासू। जो कछु कहिअ थोर सबु तासू।।
रायँ सुभायँ मुकुरु कर लीन्हा। बदनु बिलोकि मुकुटु सम कीन्हा।।
2. भव भेषज रघुनाथ जसु,सुनहि जे नर अरू नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।
3. रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।।
मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।
4. जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।।
भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।
5. हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।
6. जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
7. श्रवन समीप भए सित केसा। मनहुं जरठपनु अस उपदेसा।।
नृप जुबराजु राम कहुँ देहू। जीवन जनम लाहु किन लेहू।।
8. एक समय सब सहित समाजा। राजसभां रघुराजु बिराजा।।
सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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