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Amavasya 2024: अमावस्या साल 2024 में कब-कब पड़ेगी? यहां जान लीजिए सही डेट और हर अमावस्या का महत्व

Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा के साथ ही अमावस्या का भी विशेष महत्व है। तो आइए जानते हैं कि साल 2024 में कितनी अमावस्या आएंगी और इसका क्या महत्व रहेगा।

Written By : Acharya Indu Prakash Edited By : Vineeta Mandal Published : Jan 09, 2024 13:21 IST, Updated : Jan 09, 2024 13:21 IST
Amavasya 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Amavasya 2024

Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व है। मावस्या के दिन स्नान-दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। घर में खुशहाली बनी रहती है। इसके आलावा पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिये और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण भी किया जाता है। तो चलिए आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि साल 2024 में किस दिन कौन-सी अमावस्या पड़ रही है और उसका महत्व क्या है।

1. पौष अमावस्या 2024

पौष अमावस्या 11 जनवरी 2024 को पड़ रही है। पौष कृष्ण पक्ष की इस अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। उड़ीसा में पौष अमावस्या को वकुला अमावस्या के नाम से जाना जाता है। 

2. मौनी अमावस्या 2024

इस वर्ष माघ महीने में अमावस्या 9 फरवरी, दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि 9 फरवरी की सुबह 8 बजकर 3 मिनट से भोर 4 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात अपने सामर्थ अनुसार अन्न, वस्त्र, धन, गौ, भूमि और स्वर्ण आदि दान देना चाहिए। इस दिन तिल दान करने से भी पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

3. फाल्गुनी अमावस्या 2024

इस वर्ष की तीसरी अमावस्या 10 मार्च दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। फाल्गुन महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या को फाल्गुनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। फाल्गुनी अमावस्या के दिन साध्य योग और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस संयोग में किसी तीर्थ स्थल पर स्नान-दान और अपने पितरों का श्राद्ध करना बहुत ही लाभदायक रहेगा।

4.  चैत्र अमावस्या 2024

अब बात करते है चैत्र महीने की अमावस्या की, इस अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह 8 अप्रैल, दिन सोमवार को पड़ पड़ेगी। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। लिहाजा यह सोमवती अमावस्या होगी। चैत्र अमावस्या यानि 8 अप्रैल के दिन इन्द्र योग और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन व्रत रख स्नान-दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

5. वैशाख अमावस्या 2024

वैशाख महीने की अमावस्या 8 मई, दिन बुधवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। वैशाख अमावस्या पर सत्तू का दान करना उत्तम माना जाता है। इसलिए इसे सतुवाई अमावस्या भी कहा जाता है। वैशाख अमावस्या के दिन सौभाग्य योग और भरणी नक्षत्र के संयोग बन रहा है।

6. ज्येष्ठ अमावस्या 2024

इस साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या 6 जून, दिन गुरूवार को पड़ेगी। इस दिन अमावस्या तिथि 7 जून की दोपहर पहले 11 बजकर 40 मिनट से 8 जून की सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन शनि देव के पूजन का विशेष विधान है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन धृति योग और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

7. आषाढ़ अमावस्या 2024

इस वर्ष आषाढ़ महीने की अमावस्या 5 जुलाई, दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि पूरा दिन पार कर भोर 8 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। पंचांग के अनुसार आषाढ़ वर्ष का चौथा महीना है। इस महीने की समाप्ति के बाद वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है। आषाढ़ अमावस्या दान-पुण्य व पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए विशेष फलदायी मानी गई है। इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान का कई गुना फल मिलता है। आषाढ़ महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन ध्रुव योग और आर्द्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

8. श्रावण महीने की अमावस्या 2024

श्रावण महीने में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या चितलगी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता हैं। श्रावण के महीने में चारों तरफ हरियाली होती है। इसलिए पुराणों में भी हरियाली अमावस्या को पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाने की बात कही गई है। व्यक्ति को इस दिन कोई न कोई पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इस दिन पीपल की पूजा करने और उसकी सात परिक्रमा करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है। श्रावण महीने की अमावस्या यानि हरियाली अमावस्या 4 अगस्त, दिन रविवार को पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि 3 अगस्त की दोपहर 3 बजकर 50 मिनट से 4 अगस्त की शाम 4 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। श्रावण महीने के इस अमावस्या के दिन सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का संयोग रहेगा।

9. भाद्रपद अमावस्या 2024

भाद्रपद में पड़ने वाली इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी या कुशाग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन वर्ष भर किये जाने वाले धार्मिक कार्यों, अनुष्ठानों और श्राद्ध आदि कार्यों के लिए कुश इकट्ठा किया जाता है। साथ ही इस दिन स्नान-दान, जप, तप और व्रत आदि का भी महत्व है। इस साल भाद्रपद की अमावस्या तिथि 3 सितम्बर, दिन मंगलवार को पड़ रही है। मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। भौमवती अमावस्या को कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उत्तम माना जाता है। भाद्रपद महीने में पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन सिद्ध योग और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

10. अश्विन अमावस्या 2024

अश्विन महीने की अमावस्या 2 अक्टूबर, दिन बुधवार को पड़ेगी। इस दिन अमावस्या तिथि रात 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। इस दिन अमावस्या तिथि वालों का यानि जिनका स्वर्गवास किसी भी महीने की अमावस्या को हुआ हो, उनका श्राद्ध कार्य करने का विधान होता है। इस दिन श्राद्ध करने वाला व्यक्ति अत्यंत सुख को पाता है। अश्विनी अमावस्या के दिन ब्रह्म योग और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

11. कार्तिक अमावस्या 2024

पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत के शांति पर्व में भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कार्तिक अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा है कि- यह मेरा प्रिय दिन है और इस दिन मेरी वंदना से मनुष्य के समस्त कष्ट दूर हो जाएंगे। कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है। इस वर्ष यह अमावस्या दो दिनों की होगी। यह अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। कार्तिक अमावस्या के दिन प्रीति योग और स्वाती नक्षत्र का संयोग बनेगा। 

12. मार्गशीर्ष अमावस्या 

हिंदी महीनों के अनुसार ये साल का नौंवा महीना है, जो कि बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस महीने को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने के अलावा अपने पितरों को श्रद्धा अर्पित करने से सभी कष्टों का निवारण होता है। इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसम्बर, दिन रविवार को पड़ेगी। इस अमावस्या की तिथि 30 नवंबर की सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 1 दिसम्बर की दोपहर पहले 11 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। इस अमावस्या के दिन सुकर्मा योग और अनुराधा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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