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Maharana Pratap Jayanti 2023: आखिर क्यों महाराणा प्रताप की जंयती साल में दो बार मनाई जाती है? पढ़ें महान योद्धा के 10 अनमोल विचार

Maharana Pratap Jayanti 2023: महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर आइए जानते है उनके कुछ खास अनमोल विचार जो आपको जिंदगी के लिए एक अच्छा सबक होंगे।

Sushma Kumari Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: May 22, 2023 10:46 IST
Maharana Pratap Jayanti - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Maharana Pratap Jayanti

Maharana Pratap Jayanti 2023: आज यानी 22 मई 2023 को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाएगी। इतिहास के पन्नों में अपने धर्म व देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वालों में महाराणा प्रताप का नाम भी शामिल है। महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ़ में सिसोदिया राजवंश के महाराणा उदयसिंह और महारानी जयवंताबाई के घर 9 मई, 1540 ई. को हुआ था। महाराणा प्रताप बचपन से ही बहादुर, स्वाभिमानी तथा धार्मिक आचरण की विशेषता इनमें थी। प्रताप दृढ संकल्पी, युद्ध में कौशल, अच्छे राजनीतिज्ञ, आदर्श संगठनकर्ता तथा प्रजा के हृदय पर शासन करने वाले शासक थे। 

आपको बता दें कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार,  हर साल 9 मई को ही महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जाती है। वहीं, हिंदू पंचांग के अनुसार उनका जन्म जेठ मास की तृतीया को गुरु पुष्य नक्षत्र में हुआ था। इस कारण विक्रम संवत के अनुसार 22 मई को भी महाराणा प्रताप की जयंती है। ऐसे में महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर आइए जानते है उनके कुछ खास विचार जो आपको जिंदगी के लिए एक अच्छा सबक होंगे।

महाराणा प्रताप के अनमोल विचार

1. मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान

उसकी सबसे बड़ी कमाई होती है।
अतः सदा इनकी रक्षा करनी चाहिए।

2. अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना मजबूत बना लो कि
कि बुरा वक्त आए तो वो भी अच्छा बन जाए

3. अगर सर्प से प्रेम रखोगे तो वो अपने अनुसार
आपको डसेगा ही डसेगा

4. एक शासक का पहला कर्तव्य अपने राज्य का गौरव
और मान-सम्मान बचाने का होता है

5. मातृभूमि और अपनी मां में तुलना करना
और अंतर समझना निर्बल और मूर्खता है

6. अपनी कीमती जिंदगी को सुख और आराम
से जिंदगी बनाकर नष्ट करने से अच्छा है कि
आप उसे मानवता और राष्ट की सेवा में लगा दो

7. जो लोग अत्यंत विकट परिस्थिति में झुकते नहीं हैं
और हार भी नहीं मानते हैं वो लोग हारकर भी जीत जाते हैं

8. समय बहुत बलवान होता है जो राजा को भी
घास की रोटी खिला सकता है

9. जो मनुष्य अपने कर्तव्य और इस सृष्टि
के कल्याण के लिए सदैव प्रयत्नरत रहता है,
उस मनुष्य को युग युगांतर तक स्मरण रखा जाता है।

10. अन्याय, अधर्म आदि का विनाश
करना संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है।

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