Sharad Purnima 2025: हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। इसीलिए इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद शुभ माना गया है। रात्रि के समय इस दिन चंद्रमा के दर्शन और पूजन करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। साल 2025 में शरद पूर्णिमा कब है और इस दिन चंद्रोदय कितने बजे होगा, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
शरद पूर्णिमा कब है? (Sharad Purnima Kab Hai?)
आश्विन माह की पूर्णमा तिथि साल 2025 में 6 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से शुरू हो जाएगी। वहीं पूर्णिमा तिथि का समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में 6 अक्टूबर की रात्रि को ही पूर्णिमा का चांद दिखेगा इसलिए शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। हालांकि उदया तिथि में पूर्णिमा 7 अक्टूबर को भी रहेगी, इसलिए इस दिन भी आप व्रत रख सकते हैं और माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
शरद पूर्णिमा के चंद्रोदय (Sharad Purnima Ke Din Chandroday)
शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर के दिन चंद्रोदय शाम 7 बजकर 26 मिनट पर होगा। वहीं चंद्रास्त 7 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर होगा। जो लोग उदयातिथि के अनुसार 7 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाएंगे वो शाम 6 बजकर 2 मिनट के बाद चंद्र दर्शन कर सकते हैं।
शरद पूर्णिमा का महत्व
साल में 12 पूर्णिमा तिथियां आती हैं लेकिन सभी में शरद पूर्णिमा का खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है। इसलिए शरद पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा को खीर का भोग भी लगाया जाता है। पूरी रात भर चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखने से और अगले दिन इस खीर का सेवन प्रसाद रूप में करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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