नई दिल्ली: हार और जीत खेल का नियम है। जो बेहतर होता है वो जीतता है और कम बेहतर खेलने वाला हार जाता है। लेकिन कभी कभी जीत का प्रेशर खिलाड़ियों से लाजवाब प्रदर्शन के इतर कुछ ऐसा करवा देता है जो जेंटलमैन कहे जाने वाले क्रिकेट को शर्मशार कर देता है। इंडिया का त्यौहार कहे जाने वाले आईपीएल में भी ऐसे तमाम मौके आए हैं जब खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंदियों के सामने सिर्फ जीत-हार भर के लिए आंखें तरेरी हैं और बदजुबानी की है। इतना ही नहीं भारत में होने वाले सबसे बड़े क्रिकेट शो के दौरान कुछ ऐसे पल भी आए हैं जब बल्लेबाज और गेंदबाज आपस में मारपीट के लिए भी उतावले होते दिखे हैं, ऐसे मौकों पर बाकी खिलाड़ियों को निपटारा करवाना पड़ा है। 9 अप्रैल से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पहला आईपीएल मैच खेला जाना है लेकिन उससे पहले हम आपको आईपीएल में हुई अब तक की सबसे बड़ी फाइट के बारे में बताएंगे जो हार-जीत के उलट पूरे मैच में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बन गईं।
शेन वॉर्न और सौरव गांगुली (IPL 2008):
यह आईपीएल मैचों के दौरान हुए विवाद से जुड़ा अहम मामला था क्योंकि इसमें दो दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे। केकेआर की तरफ से सौरव गांगुली बल्लेबाजी कर रहे थे और उनका कैच डीप मिडविकेट पर ग्रीम स्मिथ ने लपक लिया। पूर्व भारतीय कप्तान को इस कैच पर संशय हुआ तो उन्होंने अंपायर से रिप्ले देखने को कहा। गांगुली की इस हरकत ने वॉर्न को गुस्सा दिला दिया और जब थर्ड अंपायर ने इस फैसले को सही नहीं माना तो इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का गुस्सा चरम पर पहुंच गया। आखिरकार गांगुली अगले ओवर में आउट हो गए और राजस्थान रॉयल्स यह मैच जीत गया। लेकिन वॉर्न में केकेआर कप्तान के प्रति अपना गुस्सा मीडिया के सामने जाहिर किया।
वॉर्न ने मीडिया के सामने कहा, “अगर ग्रीम स्मिथ जैसा अंतरराष्ट्रीय कप्तान यह कैच पकड़ता है और यह एक साफ कैच होता है, रूडी कर्ट्जन भी मानते हैं कि यह आऊट है। और खिलाड़ियों को यह अनुमति नहीं होती है कि वो अंपायर से उनके फैसले के बारे में पूछें, लेकिन सौरव गांगुली एक भारतीय अंपायर से रिप्ले देखने को कहते हैं। यह खेल भावना नहीं है और मैं सौरव के रवैए से दुखी हूं।” इस मैच के रैफरी फारूक इंजीनियर ने गांगुली और वॉर्न दोनों पर 10 फीसदी मैच फीस का जुर्माना लगाया था।
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