Wednesday, April 24, 2024
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संन्यास के दौरान इन 4 बयानों में दिखा कुक का दर्द, इमोशन और कभी ना खेल पाने का मलाल

सीरीज का अंतिम मैच सात सितंबर से द ओवल में खेला जाएगा जो 33 साल के कुक के टेस्ट करियर का 161वां मैच होगा। 

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Published on: September 03, 2018 19:22 IST
एलिस्टर कुक- India TV Hindi
एलिस्टर कुक

लंदन: इंग्लैंड के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पूर्व कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के पांचवें और आखिरी मैच के बाद संन्यास लेने की घोषणा की है। सीरीज का अंतिम मैच सात सितंबर से द ओवल में खेला जाएगा जो 33 साल के कुक के टेस्ट करियर का 161वां मैच होगा। उन्होंने अब तक 44.88 के औसत से 12,254 रन बनाये है जिसमें 32 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। 

भारत के खिलाफ 2006 में अपने करियर की शुरूआत करने वाले कुक ने इसी टीम के खिलाफ 2011 में बर्मिंघम में सर्वश्रेष्ठ 294 रन की पारी खेली थी। मौजूदा सीरीज में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है जिसमें उन्होंने चार टेस्ट की सात पारियों में महज 109 रन बनाये हैं। इस प्रदर्शन के बाद टेस्ट टीम में उनकी जगह को लेकर भी सवाल उठ रहा था। 

मुझे पता है कि मैंने इस खेल को सब कुछ दिया है

कुक ने कहा,‘‘ पिछले कुछ महीने से काफी सोच विचार के बाद मैंने भारत के खिलाफ सीरीज के आखिरी मैच के बाद अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहने का मन बना लिया है। यह हालांकि मुझे उदास करने वाला दिन है, लेकिन मैं ऐसा अपने चेहरे पर बड़ी मुस्कान के साथ कर रहा हूं क्योंकि मुझे पता है कि मैंने इस खेल को सब कुछ दिया है। 

ड्रेसिंग रूम के माहौल की खलेगी
उन्होंने कहा, ''मैंने कभी सोचा नहीं था कि इतना कुछ हासिल करूंगा और इतने लंबे समय तक कुछ महान खिलाड़ियों के साथ खेलूंगा।’’ इस सलामी बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें सबसे ज्यादा कमी ड्रेसिंग रूम के माहौल की खलेगी। उन्होंने कहा,‘‘इस फैसले की सबसे मुश्किल बात यह है कि मैं टीम के साथियों के साथ ड्रेसिंग रूम फिर से साझा नहीं कर सकूंगा, लेकिन मुझे पता है कि यह सही समय है।’’ 

बल्लेबाज के तौर पर कुक के पास ना तो डेविड गावर के जैसी तकनीक थी ना ही केविन पीटरसन के जैसे शॉट लेकिन अविश्वसनीय एकाग्रता और रन बनाने की क्षमता से वह इस खेल में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल हैं। उनके करियर की सबसे बड़ी सफलता कप्तान के तौर पर 2012 में भारत में 2-1 से टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करना था। उन्होंने इस सीरीज में ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की स्पिन जोड़ी का शानदार तरीके से इस्तेमाल किया। सिर्फ कप्तानी ही नहीं बल्लेबाज के तौर पर भी उन्होंने इस सीरीज में तीन शतक लगाये। उन्होंने मोटेरा में 176, मुंबई में 122 और कोलकाता में 190 रन की पारी खेली। 

यह समय है जब अगली पीढ़ी के युवा क्रिकेटरों को मौका दिया
कुक ने कहा,‘‘बगीचे में एक बच्चे के रूप में क्रिकेट खेलने से लेकर मैंने अपने पूरे जीवन में इस खेल से प्यार किया है। मैं यह बयां नहीं कर सकता कि इंग्लैंड की जर्सी पहनना मेरे लिए कितना खास है। मुझे पता है कि यह समय है जब अगली पीढ़ी के युवा क्रिकेटरों को मौका दिया जाए जो हमारा मनोरंजन करें और देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करें।’’ 

पूर्व कप्तान ग्राहम गूच का शुक्रिया अदा किया
एसेक्स क्रिकेट का प्रतिनिधित्व करने वाले कुक ने करियर संवारने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व कप्तान ग्राहम गूच का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा,‘‘सात साल की उम्र में मैं एसेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब के बाहर उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए खड़ा था और मैं भाग्यशाली था कि कुछ वर्षों के बाद वह मेरे मेंटॉर बने और मेरे करियर के शुरूआती दौर में उनकी भूमिका अहम रहीं।’’ 

कुक ने हालांकि कहा कि वह एसेक्स के साथ कप्तान के तौर पर आगामी सत्र में जुड़े रहेंगे। 

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