विशाखापत्तनम: विराट कोहली अपेक्षाओं के दबाव का लुत्फ उठाते हैं और उन्होंने साफ किया कि वह 3 साल बाद ही आकलन करेंगे कि कप्तानी उनके लिए कितना भार साबित हो रही है। कोहली ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट में इंग्लैंड पर 246 रन की जीत के बाद कहा, ‘शायद 3 से 4 साल में मैं आकलन कर पाऊंगा कि मैं कप्तानी का कितना भार महसूस कर रहा हूं, लेकिन इस समय सब कुछ सही है और इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं है।’
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भारतीय टेस्ट कप्तान ने मौजूदा कैलेंडर वर्ष में सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2277 रन बनाए हैं और इस मामले में सिर्फ इंग्लैंड के जो रूट (2285) से कुछ पीछे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब आप बल्लेबाजी के लिए जाते हो तो खुद को कप्तानी से अलग करना मुश्किल होता है विशेषकर तब जब आप 5 बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हो। बेशक जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। लेकिन यह साथ ही मुझे गेंद को हवा में खेलने से रोकता है जो मैं संभवत: टेस्ट क्रिकेट में खेलना पसंद करता।’
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कोहली ने साफ किया कि उन्हें अपने पारंपरिक शॉट पर भरोसा है और यही कारण है कि जब वह हवा में शॉट नहीं खेल पाते तो उन्हें कोई मलाल नहीं होता। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाले सीमित ओवरों के फॉर्मैट के संदर्भ में कोहली ने कहा कि यह आसान होता है क्योंकि उन्हें कई चीजों के बारे में सोचना नहीं पड़ता और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देना होता है।