![When Pakistani player took Neeraj Chopra's javelin, the first throw was delayed because of this- India TV Hindi](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/1200_675/2021/08/gettyimages-1332846493-1629874454.webp)
नीरज चोपड़ा ये नाम टोक्यो ओलंपिक 2020 के आखिरी दिन से हर किसी भारतीय की जुबां पर है। इस खिलाड़ी ने भाला फेक प्रतियोगिता में 87.58 मीटर का सबसे लंबा थ्रो कर भारत की झोली ने टोक्यो ओलंपिक का पहला गोल्ड मेडल डाला था। नीरज के गोल्ड मेडल के साथ भारत का खेलों के इस महाकुंभ का सफर भी समाप्त हुआ था। ओलंपिक खत्म होने के बाद नीरज ने कई इंटरव्यू दिए और कई नई-नई कहानियों को अपने फैन्स के साथ साझा किया। मगर हाल ही में उन्होंने एक ऐसी कहानी बताई है जो काफी दिलचस्प है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी खिलाड़ी अरशद नदीम की वजह से उन्होंने पहला थ्रो हड़बड़ी में फेका था।
जी हां, नीरज ने खुलासा किया है कि उस थ्रो से पहले उन्हें अपना जैवलिन नहीं मिल रहा था, तब उन्होंने पाया कि उनका जैवलिनअरशद नदीम के हाथों में है और उन्होंने उनसे अपना जैवलिन मांगा और जल्दबाजी में अपना थ्रो फेंका। हड़बड़ी में भी उन्होंने 87.03 मीटर लंबा थ्रो फेंका था।
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में नीरज चोपड़ा ने इस किस्से को साझा करते हुए बताया, 'मैं फाइनल की शुरुआत से पहले अपना जैवलिन तलाश कर रहा था। मुझे वह मिल नहीं रहा था। अचानक, मैंने देखा कि अरशद नदीम मेरे जैवलिन के साथ घूम रहा है। मैंने उससे कहा, 'भाई यह मेरा जैविलन है। यह मुझे दे दो। मुझे इससे थ्रो करना है।' तब उसने मुझे वह वापस किया। तभी आपने देखा होगा कि मैंने अपना पहला थ्रो काफी जल्दबाजी में फेंका।"
नीरज ने इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ी की जमकर तारीफ की और उनका हौसला भी बढ़ाया। नीरज ने कहा, "अरशद नदीम ने क्वॉलिफाइंग राउंड में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने फाइनल में भी बढ़िया खेल दिखायाय़ मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान के लिए अच्छा है कि, उनके पास जैवलिन में रूचि दिखाने का अच्छा मौका है। वह भविष्य में अंतरराष्ट्रीय मंच पर अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।'
बता दें, अरशद का टोक्यो ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.62 का था और वह 5वें स्थान पर रहे थे।
नीरज ने इस इंटरव्यू के दौरान यह भी समझाने कि कोशिश की कि हमें एक गोल्ड मेडल से संतुष्ट नहीं होना है। नीरज ने कहा "इस महीने के अंत में डायमंड लीग थी और मैं उसमें भाग लेने वाला था, मगर टोक्यो से लौटने के बाद इतने समारोह थे कि मेरी ट्रेनिंग पूरी तरह से रुक गई। मैं बीमार भी पड़ गया। भारतीय खेल में इन चीजों को बदलना होगा। हमें एक गोल्ड से संतुष्ट नहीं होना है।"