Monday, May 13, 2024
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Google पर 5 बिलियन डॉलर का जुर्माना, Incognito Mode से जुड़ा है मामला

यूजर ने कहा कि कंपनी गूगल कुकीज, एनालिटिक्स और टूल की मदद से इनकॉगनेटिव मोड में भी इंटरनेट ब्राउजिंग एक्टिविटी को ट्रैक करती है। अब इस मामले में कोर्ट ने टेक जायंट पर 5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगा दिया है।

Gaurav Tiwari Written By: Gaurav Tiwari
Published on: August 10, 2023 15:15 IST
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Image Source : फाइल फोटो कंपनी ने यूजर के दावे को पूरी तरह से नकार दिया है।

टेक दिग्गज गूगल पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगा है। कंपनी ने पर कैलिफोर्निया की अदालत ने 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है। कंपनी पर यह जुर्माना यूजर्स के डाटा को गलत तरह से स्टोर करने के आरोप पर लगाया गया है। गूगल पर यूजर्स के प्राइवेट ब्राउसिंग डेटा को स्टोर करने का आरोप लगया है। एक यूजर ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी प्राइवेट ब्राउसिंग मोड यानी इनकॉगनेटिव मोड के सर्च हिस्ट्री को भी स्टोर करता है। 

यूजर ने कहा कि कंपनी गूगल कुकीज, एनालिटिक्स और टूल की मदद से इनकॉगनेटिव मोड में भी इंटरनेट ब्राउजिंग एक्टिविटी को ट्रैक करती है। TheVerge की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के कैलिफॉर्निया अदालत के जज योन गोंजालेज रॉजर्स ने क्रोम प्राइवेटी नोट, इंकॉग्निटो स्पलैश स्करीन, प्राइवेसी पॉलिसी और सर्च एवं प्राइवेट ब्राउजिंग हेल्प पेज का हवाला देते हुए बताया कि किस तरह से इंकॉग्निटो मोड में यूजर्स का डेटा स्टोर हो सकता है। जज ने गूगल के उस दावे को भी गलत ठहराया जिसमें कहा गया कि वह प्राइवेसी मोड में किसी भी यूजर के डेटा को कलेक्ट नहीं करता। 

कंपनी ने यूजर के दावे को नकारा

गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि हम यूजर के दावे को सही नहीं मानते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि क्रोम में दिया गया इनकॉगनेटिव मोड में लोग प्राइवेट ब्राउंजिंग कर सकते हैं। इसमें किसी भी तरह का डेटा या फिर हिस्ट्री स्टोर नहीं होती। प्रवक्ता ने कहा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि आप जिनती बार प्राइवेट ब्राउंजिंग मोड में टैब ऑन करेंगे तो उस सेशन के दौरान की गई एक्टिविटी के आधार पर कुछ जानकारी कलेक्ट कर सकती है। 

गूगल पर इस संबंध में 2020 में मुकदमा किया गया था। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि गूगल गूगल यूजर के रेगुलर और प्राइवेट ब्राउजिंग डेटा को एक ही लॉग में स्टोर करता है। कोर्ट ने बताया कि कंपनी इस मिक्स्ड लॉग का इस्तेमाल यूजर को ऐड भेजने के लिए किया जाता है। जज ने अपने फैसले में यह भी कहा कि इस जुर्माने से कंपनी को किसी भी तरह का वित्तीय नुकसान नहीं होगा। इस मुकदमें में याचिका कर्ता की तरफ से 5 बिलियन डॉलर जुर्माने की मांग की गई थी। 

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