लास्ट डेट से पहले ITR फाइल करने के कई फायदे हैं। समय से पहले ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार की गलती होने पर इसे सुधारने का मौका मिल जाता है और टैक्सपेयर पेनाल्टी और नोटिस से बच जाते हैं।
कोविड-19 के दौर में करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार मई के बाद से बार-बार आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे खिसका रही है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर हर महीने 1 प्रतिशत की दर से लेट फीस वसूलता है। इसके अलावा जल्दी ITR दाखिल करने से रिफंड भी आपको जल्दी मिलेगा।
आकलन वर्ष 2015-16 में जांच के लिए चुनी गई कुल रिटर्न की संख्या 0.71 प्रतिशत थी, जो कि 2016-17 में कम होकर 0.40 प्रतिशत, 2017-18 में 0.55 प्रतिशत और 2018-19 में 0.25 प्रतिशत रह गई।
आयकर विभाग ने वर्ष 2020 का कैलेंडर जारी कर दिया है, जिसमें करदाताओं की सुविधा के लिए कर संबंधी सभी महत्वपूर्ण कार्यों की अंतिम तिथि (डेडलाइन) की पूरी सूची दी गई है।
इनकम टैक्स विभाग ने साफ कर दिया है कि टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त यानि कि शनिवार ही है।
राहत की बात ये है कि इनकम टैक्स विभाग ने आईटीआर (ITR) फाइल करने की तारीख 31 जूलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।
अब आयकर दाता 31 अगस्त तक वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपना आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आईटीआर-1 देश में रहने वाले वे लोग भर सकते हैं जिनकी वेतन, एक मकान, संपत्ति, अन्य स्रोत (ब्याज) से कुल आय 50 लाख रुपए तथा कृषि आय 5,000 रुपए है।
टैक्स बचाने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते हैं लेकिन इस बार ITR भरते समय सावधान हो जाइए वरना आप मुश्किल में फंस सकते हैं।
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR/Income Tax Return) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। इस साल रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाई जा सकती है।
आयकर रिटर्न-1 या सहज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फॉर्म को वेतनभोगी वर्ग द्वारा भरा जाता है।
सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.87 करोड़ आयकर रिटर्न फाइल किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में 5.48 करोड़ आईटीआर फाइल किए गए थे
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सीआईआई के एक कार्यक्रम से इतर यह जानकारी देते हुए कहा कि यह नोटबंदी का असर है।
गुरुवार तक 5 करोड़ से अधिक लागों ने रिटर्न फाइल कर दिया था। पिछले साल के मुकाबले यह संख्या 60 फीसदी अधिक है।
आयकर विभाग ने वेतनभोगी कर्मचारियों को गलत आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के प्रति आगाह किया है। विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तथा उनके नियोक्ताओं को भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड( सीबीडीटी) ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए नया आयकर रिटर्न( आईटीआर) फॉर्म अधिसूचित कर दिया है। यह फॉर्म सहज के नाम से पेश किया गया है।
आयकर विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक निर्धारण वर्ष 2015-16 (वित्त वर्ष 2014-15) में आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़कर 4.07 करोड़ हो गई जो इससे पहले के वर्ष में 3.65 करोड़ थी।
अप्रैल 2017 से 7 नवंबर 2017 के दौरान देश में कुल 3.89 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए गए हैं जो पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत अधिक है
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