यह मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है और अब ये अपने अंतिम चरण में है। इस महीने की शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी को लेकर लोगों में बड़ी असमंजस है। 22 या 23 दिसंबर आखिर कब रखा जाएगा मोक्षदा एकादशी का व्रत। आइए जानते हैं इसकी सही तारीख क्या है।
गरुड़ पुराण में जीवन के जन्म और मृत्यु के अटल सत्य को बताया गया है। इस पुराण में नरक लोक की यातनाओं और उनसे बचने के बारे में भी बातें लिखी हुई हैं। यदि परिवार में किसी की अकाल मृत्यु हो गई है तो उसकी शांति के लिए ये एक पूजा करना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं आखिर वो कौन सी पूजा है।
आज भी उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। ऐसे में आज विष्णु जी और माता तुलसी के इन उपायों को करने से अलग-अलग समस्याओं का समाधान मिलता है।
आज मार्गशीर्ष मास की उत्पन्ना एकादशी है और इस दिन खान-पान को लेकर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। एकादशी पर जो सबसे वर्जित काम है वो चावल का सेवन करना। आइए जानते हैं आखिर एकादशी पर चावल खाने कि क्यों मनाही।
हिंदू धर्म में कई त्योहार और व्रत आते हैं लेकिन आज हम आपसे एकादशी तिथि के व्रत के बारे में बात कर रहे हैं। यह तिथि श्री नारायण को सबसे ज्यादा प्रिय है। आज उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने वालों से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं एकदाशी पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Guruwar Ke Upay: गुरुवार के दिन इन उपायों को करने से जीवन में आ रही तमाम परेशानियों से छुटकारा मिलता है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि शुभ फलों की प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन कौन-कौनसे उपायों को करना चाहिए।
एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अति प्रिय है। साल में वैसे तो 24 एकादशी पड़ती हैं और महीने के हिसाब से दो। साल 2023 के खत्म होनें में अब दिसंबर का ही महीना बचा है और इस महीने आखिरी एकादशी कब मनाई जाएगी और क्या रहेगा उसका शुभ मुहूर्त आइए जानते हैं।
Utpanna Ekadashi 2023 Date: एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस व्रत को करने से हर दुख-तकलीफ दूर हो जाती है। तो आइए जानते हैं कि दिसंबर में आने वाली उत्पन्ना एकादशी व्रत की सही तिथि क्या है।
मार्गशीर्ष के पावन महीने का शुभारंभ हो चुका है। वैसे यह महीना भगवान कृष्ण की भक्ति को समर्पित है। लेकिन इस पावन महीने में एकादशी देवी का भी जन्म हुआ था। आइए जानते हैं आखिर एकादशी माता का जन्म कैसे हुआ और क्यों इस महीने उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है।
बात करें हिंदू धर्म की तो भगवान विष्णु को जगत का पालन हार बताया गया है। इनका निवास स्थान बैकुंठ धाम है। लेकिन देवर्षि नारद के पूछने पर आखिर ऐसा भगवान विष्णु ने क्यों कह दिया की वो बैकुंठ धाम में नहीं रहते हैं। यदि बैकुंठ नहीं रहते श्री हरि तो फिर कहां निवास करते हैं।
इस साल कार्तिक पूर्णिमा दो दिन मनाई जाएगी। ऐसे में देव दीपावली की तिथि 27 नवंबर रहेगी। इस देन काशी में घाटों को दीये से सजाया जाता है और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।
कल कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु का मिलन हुआ था। माना जाता है कि इस दिन बैकुंंठ के द्वार खुले रहते हैं। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में जिससे धन-संपदा का लाभ प्राप्त होता है।
आज का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी की आराधना के लिए शुभ माना जाता है। वहीं लक्ष्मी-नारायण की एक साथ पूजा करना धन के लिहाज से उत्तम माना गया है। तस्वीरों में हम देखते हैं कि भगवान विष्णु के चरणों को मां लक्ष्मी दबाती हैं। आखिर ऐसा क्यों हैं? आज हम आपको एक पौराणिक कथा के अनुसार यह बता रहे हैं।
कार्तिक मास विष्णु प्रिय भक्तों के लिए सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इस महीने में भगवान विष्णु की काफी सारी लीलाएं हुई हैं। कार्तिक की बैकुंठ चतुरर्दशी से भी भगवान नारायण का नाता है। आइए जानते हैं कल मनाई जाने वाली बैकुंठ चतुर्दशी का पूजा मुहूर्त और इसके महत्व के बारे में।
आज तुलसी विवाह का पावन पर्व है और आज हम इससे जुड़े एक पौराणिक तीर्थ स्थान के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। जहां भगवान विष्णु को देवी वृंदा ने श्राप से मुक्त किया था। फिर तुलसी रूप में भगवान शालिग्राम से उनका विवाह भी हुआ था।
Dev Uthani Ekadashi 2023: आज देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।
Dev Uthani Ekadashi 2023 Upay: आज देवउठनी एकादशी के दिन किन उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से।
कार्तिक का पूरे महीने भगवान विष्णु जी की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस पूरे महीने स्नान-दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है। जो लोग कार्तिक के पूरे महीने में तीर्थ स्नान और पूजा-पाठ नियमित रूप से नहीं कर पाए हैं। वो बस इस 3 दिन इन नियमों का पालन कर के पूरे महीने का लाभ पा सकते हैं।
साल की सबसे बड़ी कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी 22 या 23 नवंबर आखिर कब मनाई जाएगी। इस बात को लेकर लोगों के मन में बड़ी असमंजस है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि देवउठनी एकादशी का व्रत कब रखा।
प्रत्येक वर्ष कार्तिक के महीने में तुलसी विवाह मनाया जाता है। वैसे तो कार्तिक मास पूर्ण रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए होता है। लेकिन इसी माह में श्री हरि के शालिग्राम अवतार का विवाह देवी तुलसी से हुआ था। आइए जानते हैं इस बार तुलसी विवाह कब है और क्या है इसकी पूरी विधि।
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