रिपोर्ट के मुताबिक रिसर्च, डिजिटल प्लेटफॉर्म और एजुकेशन तक जबरदस्त पहुंच ने इस बदलाव को आकार देने में बहुत बड़ी और अहम भूमिका निभाई है।
भारतीय शेयर बाजार में मची उथल-पुथल के बीच ऐसे कई म्यूचुअल फंड स्कीम्स हैं, जो अपने निवेशकों के पोर्टफोलियो को मैनेज किया हुआ है।
एसआईपी में कभी भी एक जैसा रिटर्न नहीं मिलता है। एसआईपी में मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह से शेयर बाजार की चाल पर निर्भर करता है।
इक्विटी स्टेक में अपेक्षित बढ़ोतरी का श्रेय सट्टेबाजी आधारित कारोबार की जगह लॉन्ग टर्म निवेश की ओर बदलाव को दिया जा सकता है।
SIP, यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, निवेश का एक तरीका है जिसमें एक तय रकम को रेगुलर इंटरवल पर, जैसे महीने या तिमाही में, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया जाता है। यह तरीका डिसिप्लिन्ड इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देता है और समय के साथ पैसा जमा करने में मदद करता है। इसमें रिटर्न की कोई लिमिट नहीं है। आपको बहुत हाई रिटर्न भ
एसआईपी कभी भी एक जैसा रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
जानकार का कहना है कि आने वाले समय में भी निवेश का अधिकांश प्रवाह लिक्विड, मनी मार्केट और हाई-क्वालिटी एक्रूअल फंड्स में केंद्रित रह सकता है।
क्वांट स्मॉल कैप फंड, भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की सबसे पुरानी स्कीम्स में से एक है। क्वांट स्मॉल कैप फंड की शुरुआत 1996 में हुई थी।
बीते कुछ सालों में, म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में काफी तेज बढ़ोतरी हुई है। खास बात ये है कि इनमें छोटे निवेशकों और महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है।
मासिक आधार पर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने सितंबर के 7.5 प्रतिशत की तुलना में अक्टूबर में आईटी शेयरों में अपना निवेश बढ़ाकर 7.6% कर दिया है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुद्ध निवेश सितंबर में 9 प्रतिशत घटकर 30,421 करोड़ रुपये रह गया था।
शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव की वजह से सिर्फ स्टॉक पोर्टफोलियो ही नहीं बल्कि म्यूचुअल फंड्स पोर्टफोलियो पर भी काफी बुरा असर पड़ा है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली के दौरान, कुल 522 में से 407 फंड्स ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है।
म्यूचुअल फंड एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है और ये पूरी तरह से शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है।
एसआईपी करते समय आपको कुछ बहुत जरूरी बातों का भी ध्यान रखना होगा। एसआईपी में कभी भी एक समान रिटर्न नहीं मिलता है, ये हमेशा ऊपर-नीचे होता रहता है।
एसआईपी को आप जितने लंबे समय के लिए चलाएंगे, आपको उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा। एसआईपी से मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है।
यह स्मार्ट स्ट्रैटेजी आपके होम लोन पर चुकाए गए ब्याज की रकम को रिकवर करा देगी। यह आपको मानसिक और आर्थिक रूप से राहत देती है, और लंबे समय में वेल्थ क्रिएशन का भी जरिया बनती है।
एसआईपी को आप जितने लंबे समय के लिए चलाएंगे, आपको उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा। एसआईपी से मिलने वाले रिटर्न पर आपको कैपिटल गेन्स टैक्स भी चुकाना होता है।
भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और म्यूचुअल फंड दोनों ही लोकप्रिय निवेश साधन हैं। बदलते समय के साथ, जोखिम मुक्त और उच्च रिटर्न के लिए विभिन्न और बेहतर निवेश विकल्पों की खोज करना आवश्यक है।
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