जाति जनगणना के आंकड़े आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब यह सवाल किया गया कि क्या आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा? इस सवाल पर नीतीश ने कहा हम अभी कुछ नहीं बोलेंगे। जाति जनगणना रिपोर्ट को पहले विधानसभा में रखा जाएगा।
ओम प्रकाश राजभर बिहार में रैली करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने लालू यादव व नीतीश कुमार पर पिछड़ों को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में हाल ही में हुई जातिगत जनगणना 90 फीसदी गलत है।
RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में किया गया जातीय सर्वेक्षण का डेटा फ़ेक है। वहीं, RLJP प्रेसिडेंट पशुपति पारस ने कहा कि बिहार सरकार ने राजनीतिक फ़ायदे के लिए जातीय सर्वेक्षण कराया है।
बिहार के रोहतास में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने नीतीश कुमार को उनकी पीएम पद की दावेदारी को लेकर समर्थन और चेतावनी दोनों एक साथ दे दी है। टिकैत ने कहा कि बिहार में एमएसपी की गारंटी देंगे तो हम आपका प्रचार करेंगे वरना पटना की सड़कों पर ट्रैक्टर चलेंगे।
बिहार की राजधानी पटना में जातीय गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सीएम नीतीश कुमार समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोग मौजूद रहे। मीटिंग में 'हम' पार्टी से जीतनराम मांझी और बीजेपी से विजय सिन्हा पहुंचे।
जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग जातपात से ही बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। जो लोग इससे बाहर निकल भी रहे हैं वह धर्म में जाकर फंस रहे हैं। इससे बिहार का ही नुकसान हो रहा है।
रिपोर्ट जारी होने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जाति जनगणना राज्य के गरीबों और जनता के बीच भ्रम फैलाने से ज्यादा कुछ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए था।
बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद देश की राजनीति गरम हो गई है। तमाम विरोध के बाद भी नीतीश सरकार ने ये जनगणना कराई और इसका डेटा जारी किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल भी अब जातिगत जनगणना के समर्थन में कूद गए हैं।
बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13% है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% हैं। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है।
अबू आजमी ने कहा कि मुलुंड में एक मराठी महिला को गुजराती लोगों ने ऑफ़िस नहीं दिया। ये मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के लिए शर्म की बात है। आप मराठियों के वोट लेते हैं लेकिन उन पर अन्याय हो रहा है तो इसके जिम्मेदार भी आप ही हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र ने उन्हें ‘अंग्रेजों के दलालों की औलाद’ करार देते हुए कहा कि वह हिंदू नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिंदू समुदाय के जुलूसों पर हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं पर बोलते हुए कहा कि अगर देश के बंटवारे के समय सारे मुसलमान पाकिस्तान चले गए होते तो आज ये घटनाएं नहीं होतीं।
बिहार में पुलिस की संवेदनहीनता एक बार फिर देखने को मिली है। सीएम नीतीश कुमार के काफिले के चक्कर में सड़कों पर लंबा जाम लग गया। इस दौरान नवजात मरीज को लेकर जा रहे एक एंबुलेंस को भी घंटेभर तक जाम में इंतजार करना पड़ा।
पंजाब में कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी के बाद राज्य कांग्रेस के नेता AAP पर हमलावर हैं। वहीं, बिहार के नेताओं द्वारा नीतीश कुमार को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की जा रही है। अब अरविंद केजरीवाल ने इन सभी मुद्दों पर जवाब दिया है।
नीतीश कुमार के एक बार फिर से पलटने की अटकलें तेज होने बाद राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद ने उनसे सीएम आवास पर जाकर मुलाकात की। माना जा रहा है कि यह मुलाकात इंडिया गठबंधन और सीट शेयरिंग को लेकर हुई है। लेकिन बदले सियासी माहौल में इसके संकेत कुछ और हो सकते हैं।
पिछले कई दिनों से यह कहा जा रहा है कि जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही हैं। वह लोकसभा चुनावों से पहले इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर वापस NDA में शामिल हो सकते हैं।
नीतीश कुमार के अचानक एक्टिव होने की वजह सियासी बताई जा रही है क्योंकि सीएम के सरप्राइज विजिट में जेडीयू के मंत्री कम और आरजेडी के मंत्री ज्यादा लेट लतीफ पाए गए। ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश एक बार फिर पाला बदलने के बहाने ढूंढ रहे हैं।
नीतीश के राजनीति के जीवन के इतिहास और भविष्य को लेकर भले बयानबाजी तेज हो, लेकिन कोई भी इस बात को दावे के साथ कह नहीं पा रहा है कि उनकी अगली रणनीति क्या है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की कल जयंती मनाई गई। इस मौके पर पटना में भी समारोह का आयोजन किया गया, जहां नीतिश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के कई नेता पहुंचे।
बिहार में एजुकेशन सिस्टम का क्या हाल है। इसकी हकीकत का अंदाजा यहां के सरकारी स्कूल को देखकर लगा सकते हैं। मुख्यमंत्री आवास से चंद मिनटों की दूरी पर स्थित स्कूल में 86 बच्चे हैं। यहां एजुकेशन सिस्टम 2 कमरे और 3 टीचर के हवाले है।
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