Monday, April 29, 2024
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बिहार: पटना में जातीय गणना को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, CM नीतीश कुमार समेत ये नेता रहे मौजूद

बिहार की राजधानी पटना में जातीय गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सीएम नीतीश कुमार समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लोग मौजूद रहे। मीटिंग में 'हम' पार्टी से जीतनराम मांझी और बीजेपी से विजय सिन्हा पहुंचे।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: October 03, 2023 21:08 IST
All Party Meeting- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV सीएम नीतीश कुमार बैठक में मौजूद

पटना: बिहार की राजधानी पटना में जातीय गणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हुई।  इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार, बीजेपी से विजय सिन्हा और RJD से तेजस्वी यादव मौजूद रहे। 'हम' पार्टी से जीतनराम मांझी पहुंचे और  इस बैठक में वित्त मंत्री विजय चौधरी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, माले विधायक दल के नेता महबूब आलम और AIMIM से अख्तरुल ईमान भी पहुंचे।

इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव डॉ बी राजेन्दर ने बिहार जाति आधारित गणना 2022 की रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। इस दौरान उन्होंने सभी प्वाइंट्स पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कुल 17 सवालों की विवरणी के संबंध में बताया। इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम साल 2019 से जाति आधारित गणना कराने की कोशिश में थे। हम चाहते थे कि 2021 की जनगणना जो हर 10 साल में होती है, वो जातीय आधार पर हो। 18 फरवरी 2019 को बिहार विधानसभा एवं बिहार विधान परिषद द्वारा जनगणना जातीय आधार पर कराने हेतु केंद्र से सिफारिश करने की संकल्प को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। 

सर्वदलीय बैठक के बाद क्या बोले शामिल दलों के नेता?

नेता प्रतिपक्ष विजय सिंह ने कहा कि हड़बड़ी में गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। आंकड़ा आधा अधूरा है। जो कमियां हैं, उनमें सुधार किया जाए। एक साथ ही जातीय के साथ आर्थिक रिपोर्ट भी देनी चाहिए। सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने कहा कि सर्वसम्मति से बात हुई है। सभी आंकड़ों को रखा गया, जिसे कल बताया गया था। कुछ संशोधन के साथ नेताओं ने बातें रखी हैं। जैसे जीतन मांझी ने कहा कि मुसहर और भुइयां को अलग-अलग नहीं रखा जाना चाहिए। मुसहर और भुइयां  एक ही हैं। इसी तरह बीजेपी के विधानपरिषद मे नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने कहा कि मल्लाह में भी कई उपजातियां हैं। सभी को एक जगह किया जाए। नीतीश ने स्वीकार किया कि कुछ भूल हुई होगी। सीएम ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने पर विचार करेंगे। जिनकी आबादी बढ़ी है, उस पर सर्वदलीय बैठक कर विचार करेंगे।

AIMIM के अख्तरुल ईमान ने कहा कि आरक्षण का आकार बढ़ाइए। इलेक्शन में फायदा लेना है तो अलग बात है। आर्थिक शैक्षणिक विश्लेषण किया जाए। आरक्षण पर MIM का स्टैंड है कि आपने पैथोलॉजी जांच करवाई है। रिपोर्ट आ गई है। अब इलाज नहीं होगा तो मरीज के साथ तो धोखा है। आबादी बढ़ी है, आरक्षण बढ़ना चाहिए। वोटर लिस्ट में भी थोड़ी गड़बड़ी होती है। भूल-चूक तो होती है। रिपोर्ट सही है।

उन्होंने कहा कि कास्ट सेंसस से पहले भी कहा जाता रहा है, आयोगों की रिपोर्ट आती रही है, आरक्षण बढ़ना चाहिए। माइनॉरिटी में कोटा तय होना चाहिए। सीएम ने कहा कि लोक कल्याणकारी काम के लिए हमारा ये आधार होगा। रिजर्वेशन का दायरा बढ़ना चाहिए।

माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी की तरफ से कहा कि आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाए। आप लोगों की राय ली गई, अब इस पर फैसला लिया जाएगा। अल्पसंख्यकों की आबादी को लेकर बीजेपी भ्रम फैला रही है। पहले 16.9 था अब से 17.7 हो गई है।

जातीय जनगणना की रिपोर्ट क्या कहती है?

जातीय जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण यानी अपर कास्ट की आबादी 15.52 परसेंट हैं, ओबीसी आबादी 27.12 परसेंट है, अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 परसेंट है, अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 परसेंट है। जातीय जनगणना की सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद नीतीश कुमार खुश हैं। सर्वे रिपोर्ट में साफ है कि बिहार में सबसे बड़ी आबादी अति पिछड़ों की दिख रही है और आरजेडी को इसमें वोट बैंक दिखने लगा है। 

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