राज्यसभा ने बुधवार को पोक्सो संशोधन विधेयक पारित कर दिया जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी को परिभाषित करते हुए बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में मृत्यु दंड का भी प्रावधान किया गया है।
बाल यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए, केन्द्रीय कैबिनेट ने बुधवार को पॉक्सो कानून को कड़ा करने के लिए इसमें संशोधनों को मंजूरी दे दी।
भारत में नाबालिगों के साथ हो रही बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट में फांसी की सजा को मंजूरी दे दी है।
इस कानून के मुताबिक 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप पर अब फांसी की सज़ा होगी। वहीं, 16 साल की कम उम्र की बच्चियों से रेप पर न्यूनतम सज़ा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दी गई है...
फिलहाल इस कानून में दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। वर्तमान में इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है और न्यूनतम सजा सात साल की जेल है।
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