उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने सैन्य जासूसी उपग्रह लांच करने की तैयारी करके पड़ोसी दक्षिण कोरिया और जापान समेत अमेरिका को भी टेंशन में डाल दिया है। लांचिंग के बाद उत्तर कोरिया का ये उपग्रह विभिन्न देशों की सैन्य निगरानी रख सकेगा। इसस दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका की सेनाएं अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने इस उन्नत सुविधा के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ 3000 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए है। भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद ने अपनी परिचालन क्षमताओं को तेज करने के लिए मार्च 2022 में उपग्रह के लिए सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
MT1 को 12 अक्टूबर, 2011 को ट्रॉपिकल मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए ISRO और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी, CNES के ज्वाइंट सैटेलाइट वेंचर के रूप में लॉन्च किया गया था।
Kim Yo Jong on South Korea: किम जोंग-उन की बहन किम यो जोंग ने एक बार फिर दक्षिण कोरिया को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने मिसाइल से जुड़े उसके आकलन को कुत्तों के भौंकने के बराबर बताया है।
NASA's new Satellite: अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां छूते अमेरिका ने शुक्रवार को एक ऐसे उपग्रह का प्रक्षेपण किया है जो दुनिया के लगभग सभी महासागरों, झीलों और नदियों का मानचित्रण करेगा। कैलिफ़ोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग अंतरिक्ष बल प्रतिष्ठान से स्पेसएक्स रॉकेट के जरिए आज तड़के इस उपग्रह प्रक्षेपण किया गया।
सैटेलाइट फोन के बारे में हम सभी ने सुना है, लेकिन ये कैसे काम करता है इसके बारे में हमे नहीं पता है। आज हम आपको बताएंगे कि सैटेलाइट फोन कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं।
Oceansat सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट हैं और इसका इस्तेमाल समुद्र विज्ञान और वायुमंडल के अध्ययन के लिए होगा।
सैटेलाइट फोन के बारे में हम सभी ने सुना है, लेकिन ये कैसे काम करता है इसके बारे में हमे नहीं पता है। आज हम आपको बताएंगे कि सैटेलाइट फोन कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं।
ISRO: देश के विकास के लिए इंडियन रिसर्च एंड स्पेस ऑर्गेनाइजेशन यानी इसरो हमेशा संकल्पित रहा है। लगातार सैटेलाइट लॉन्चिंग करके वह भारत में हर क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में रात 12.07 बजे एक सबसे भारी रॉकेट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। यह रॉकेट 36 सैटेलाइट के साथ लॉन्च हुआ।
Japan Rocket Launch: जापान ने एक रॉकेट को गिराए जाने के पीछे का कारण बताया है कि वह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए अपनी सही स्थिति में नहीं था।
China in Space: चीन अंतरिक्ष में ब्रिटेन और पश्चिमी देशों की सैटेलाइट्स को तबाह करने के लिए नई तरह के हथियारों को विकसित कर रहा है। उसके पास पहले से ही सैटेलाइट-रोधी हथियार भी हैं।
पुतिन के साथ अपनी चर्चा में खमेनेई ने रूस के साथ "दीर्घकालिक सहयोग" को मजबूत करने का आग्रह किया था। ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, यह सैटेलाइट विभिन्न प्रकार की तस्वीरें ले सकती है।
इस समय लैंडसैट 8 और लैंडसैट 9 ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं और अमेरिका के ‘नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) और यूएस जियोलॉजिकल सर्वे एक नए लैंडसैट मिशन की योजना बना रहे हैं।
कलीना एक एंटी-सैटेलाइट हथियार के तौर पर काम करता है, जो विदेशी सैटेलाइट को निशाना बनाने की क्षमता रखता है। हालांकि ये अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कलीना सैटेलाइट्स के खिलाफ कितना प्रभावी है।
‘कैप्स्टन’ उपग्रह का सफर पहले से ही कई मायने में असामान्य रहा है। इस उपग्रह को 6 दिन पहले न्यूजीलैंड के माहिआ प्रायद्वीप से प्रक्षेपित किया गया था। इसे रॉकेट लैब कंपनी ने अपने छोटे से इलेक्ट्रॉन रॉकेट से प्रक्षेपित किया था।
GSAT 24 satellite launched: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए बनाए गए संचार उपग्रह जीसैट-24 का फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू से बृहस्पतिवार को सफल प्रक्षेपण किया गया।
भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को कहा कि भारती ग्रुप की अनुषंगी वनवेब इसरो की सुविधाओं के माध्यम से भारतीय जमीन से उपग्रह प्रक्षेपण करने वाली पहली निजी कंपनी होगी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से कल जीएसएलवी-एफ 10 के जरिए धरती पर निगरानी रखने वाले उपग्रह ईओएस-03 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
चीन ने विश्वभर में जमीनी वस्तुओं की हाई रेजोल्यूशन की तस्वीरें ले सकने में सक्षम पृथ्वी की निगरानी करने वाले एक नए उपग्रह का रविवार को सफल प्रक्षेपण किया।
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