शाहीन बाग इलाके की दुकानों के ताले आखिरकार 5 महीने बाद खुल गए हैं। पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की वजह से 100 दिनों तक ये बाजार बंद रहा और उसके बाद कोरोना संकट के कारण पांच महीने से इलाके की दुकानें बंद चल रही थीं।
उच्चतम न्यायालय ने 23 मार्च को सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि कोरोना वायरस की महामारी के खतरे को देखते हुये जेलों में कैदियों की भीड़ कम करने और उन्हें पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करें जिन्हें सात साल तक की कैद हुयी है या सात साल तक की सजा के आरोप में विचाराधीन कैदी हैं।
मंगलवार सुबह शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल को हटाए जाने के विरोध में अब शाहीन बाग की गलियों में लोगों ने जुटना शुरू कर दिया है।
कोरोना वायरस के चलते दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। दिल्ली से सटी हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर से शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हटा दिया है। दिल्ली पुलिस धरने वाली जगह से टेंट हटा दी है। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहां कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे।
करीब 3 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सड़क के बीचों बीच बने प्रदर्शन स्थल को दिल्ली पुलिस ने हटा दिया है।
पिछले तीन महीनों से सीएए विरोधी आंदोलन का केंद्र रहे शाहीन बाग में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां पर इक्का दुक्का महिलाएं ही प्रदर्शन पर बैठी हैं।
दिल्ली के शाहीन बाग पर चले रहे धरने की जगह पर आज पेट्रोल बम से हमला किया गया। हालांकि इस हमले में किसी के भी घायल होने की खबर नहीं है।
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
बहन के कोरोनावायरस से ग्रस्त पाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी और उसकी मां को भी एहतियातन दिल्ली गेट स्थित लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। अब इन दोनों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
शाहीन बाह में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं के कहना है, हमें कोरोनावायरस और सीएए एवं एनआरसी दोनों से ही लड़ना है। इस लड़ाई में हमारे लिए कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक एनआरसी और सीएए है...
शाहीन में में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है और प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर कब्जा किया हुआ है। हालांकि इस कब्जे को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पहले ही एक याचिका दाखिल की जा चुकी है
1 फरवरी को कपिल गुर्जर को शाहीन बाग प्रदर्श स्थल के नजदीक गोली चलाने के आरोप में घटना स्थल से ही दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कपिल गुर्जर के पास से एक पिस्टल बरामद की गई थी।
शाहीनबाग में जिस तरह विरोध प्रदर्शन चल रहा है, वहां मौजूद दुकानों में करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है, साथ ही बैंक की तरफ से लोन को लेकर नोटिस भी आने शुरू हो गए हैं।
दो महीने पहले यही प्रदर्शनकारी जोर देकर कहते थे कि वे पत्रकारों को प्रदर्शनस्थलों पर आने की इजाजत तभी देंगे जब लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।
दिल्ली के शाहीन बाग इलाके शुक्रवार को तीन अलग-अलग स्थानों से तीन शव बरामद हुए। तीनों ही मामलों की जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर #ShaheenBaghEmpty ट्रेंड होने के बाद इंडिया टीवी की टीम जब दिल्ली में शाहीन बाग पहुंची तो वहां पर सिर्फ 19 महिलाएं मिलीं।
सोशल मीडिया पर शाहीन बाग के खाली होने की बात के ट्रेंड होने के बाद इंडिया टीवी की टीम जब शाहीन बाग पहुंची तो पाया कि वहां पर सिर्फ 19 महिलाएं धरने पर बैठी हुई हैं।
क्या दिल्ली का शाहीन बाग खाली हो रहा है? क्या शाहीन बाग के टेंट में सिर्फ 10 महिलाएं बची हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि ट्विटर पर कल से ही #ShaheenBaghEmpty ट्रेंड हो रहा है।
अखिल भारत हिंदू महासभा ने विवादित बयान में गांधीवाद को देश में बढ़ते आतंकवाद की वजह बताते हुए सरकारी दफ्तरों में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीरों और प्रतिमाओं को तुरंत हटाए जाने की मांग की है।
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