डीजल-पेट्रोल की महंगी कीमतों के कारण सीएनजी कारों को ज्यादा पसंद किया जाता है। इसे न केवल चलाने में कम खर्चा आता है, बल्कि इसकी मेंटनेंस भी सस्ती होती है। लेकिन अगर आप एक सीएनजी कार के मालिक हैं तो आपको कुछ विशेष गलतियां करने से बचना चाहिए।
सरकार राज्यों को करोड़ों रुपये देने जा रही है। यह पैसा वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए दिया जाएगा। इस खबर में जानिए सरकार का ऐसा करने के पीछे की मंशा क्या है?
आप पुरानी गाड़ी चला रहे हैं तो आपको ये खबर हैरान कर देगी। केंद्र सरकार कुछ खास तरह के गाड़ियों को रोड से बाहर करने की प्लानिंग कर रही है। उसके लिए आखिरी तारीख का भी ऐलान कर दिया है।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर हाल के समय में बहुत खतरनाक हो गया। हालांकि अब एक्यूआई लेवल नीचे गिरा है। लेकिन अब भी प्रदूषण बना हुआ है। इसी बीच सरकार ने हैवी गाड़ियों पर अब भी प्रतिबंध कायम रखा है। जबकि स्कूल और दफ्तर 9 नवंबर से पूरी क्षमता से खुल जाएंगे।
नोएडा ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने उन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का फैसला किया है, जो अपनी समय सीमा पूरी होने बाद भी चल रही थीं। इसके अलावा करीब 30 हजार गाड़ियों के मालिकों को नोटिस दिया गया है कि वह दूसरे जिले में रजिस्ट्रेशन करवाएं।
मारुति सुजुकी इंडिया 1.31 लाख से अधिक वाहनों के निर्यात के साथ इस खंड में सबसे आगे रही।
New Fuel Technology:अगर आप डीजल के दाम और पेट्रोल की महंगाई से परेशान हो चुके हैं और सीएनजी को चढ़ते दामों से तंग आ चुके हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब आपके वाहनों के लिए न तो डीजल की चिंता रहेगा, न पेट्रोल का पंगा और न ही सीएनजी की जरूरत।
BS-6 2nd Stage:भारत में अब अगले साल अप्रैल से लागू होने वाले सख्त उत्सर्जन मानकों के अनुरूप अपने वाहनों को उन्नत करने पर वाहन विनिर्माता कंपनियों का निवेश बढ़ने से यात्री एवं वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
UP News: नोएडा के थाना जारचा क्षेत्र के गांव ऊंचा अमीरपुर के पास दो वाहनों के बीच टक्कर होने के बाद दोनों पक्षों के लोगों के बीच मारपीट हो गई।
सिआम के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत से यात्री वाहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 43 प्रतिशत बढ़ गया, जिसमें मारुति सुजुकी इंडिया 2.3 लाख से अधिक इकाइयों के साथ अग्रणी रही।
नए वाहन राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के तहत पुराने वाहनों को कबाड़ के लिए देने के बाद खरीदे जाएंगे, उन पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पथकर में 25 प्रतिशत तक की छूट देंगे।
कैबिनेट मंत्रियों के अलावा पटना हाई कोर्ट के जज और समान पद वाले अन्य अधिकारी भी 30 लाख रुपये तक के वाहन खरीद सकते हैं।
सीएससी एसपीवी की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एनसीआरबी के निदेशक रामफल पवार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस सेवा की शुरुआत की।
केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और गाड़ियों की परमिट जैसे दस्तावेजों की वैधता के लिए समय-सीमा और बढ़ाने से इनकार कर दिया है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह एक ऐसा कानून लाने की योजना बना रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न के रूप में केवल भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाज का इस्तेमाल किया जा सके।
सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर गुरुवार को ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC) और अन्य परमिट की वैधता 31 अक्टूबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है। अभी तक इसकी वैधता 30 सितंबर की थी।
सरकार के मुताबिक यह स्कीम भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगी।
बंपर-टू-बंपर बीमा में वाहन के फाइबर, धातु और रबड़ के हिस्सों सहित 100 प्रतिशत कवर मिलता है।
इस पॉलिसी पर 2015 से काम चल रहा है और इसका उद्देश्य वाहन मालिकों को अपने पुराने व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को कबाड़ में देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
महाराष्ट्र में वाहनों की पार्किंग के लिए निर्दिष्ट स्थान के संबंध में एक समान नीति के अभाव पर दुख जताते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों को ऐसे नागरिकों को एक से अधिक निजी वाहन रखने की अनुमति नहीं देनी चाहिए जिनके पास पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं हो।
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