Sunday, December 07, 2025
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महाशिवरात्रि पर आखिरी स्नान के साथ 45 दिवसीय महाकुंभ का होगा समापन, जानें खास बातें

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर श्रद्धालुओं का मेला लगा हुआ है। आज महाशिवरात्रि के आखिरी स्नान के साथ महाकुंभ का समापन हो रहा है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Feb 26, 2025 08:03 am IST, Updated : Feb 26, 2025 08:19 am IST
Mahashivratri- India TV Hindi
Image Source : PTI महाशिवरात्रि

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में महाशिवरात्रि पर स्नान के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। प्रयागराज में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ पड़ी है। अधिकारियों ने लोगों से संगम पर एकत्र होने के बदले नजदीकी घाट पर पवित्र स्नान करने की अपील की है। महाशिवरात्रि पर सुचारू स्नान सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार मेला अधिकारियों के संपर्क में हैं। श्रद्धालुओं के आवागमन को सुगम बनाने के लिए रेलवे की ओर से खास इंतजाम किए गए हैं। जानें आयोजन की खास बातें।

  1. महाकुंभ में अब तक रिकॉर्ड 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं। श्रद्धालु  गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर श्रद्धालु आज आखिरी स्नान की डुबकी लगा रहे हैं। इसके साथ ही आज हर 12 साल में होने वाले इस महाकुंभ का समापन होगा।
  2. सोमवार से ही मेला क्षेत्र में "अमृत स्नान" के लिए भीड़ उमड़ने लगी थी। अंतिम स्नान के लिए श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए मंगलवार शाम चार बजे से पूरे मेला क्षेत्र को 'नो व्हीकल जोन' घोषित कर दिया गया । 
  3. कुशल भीड़ प्रबंधन, बेहतर स्वच्छता और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं को लेकर सरकार ओर से व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
  4. सुरक्षा व्यवस्था के लिए महाकुंभ में 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं, जबकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 2,750 एआई आधारित सीसीटीवी, तीन जल पुलिस स्टेशन, 18 जल पुलिस नियंत्रण कक्ष और 50 वॉच टावर लगाए गए हैं। 
  5. महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक और भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां डुबकी लगाने पहुंचे। नेपाल से भी 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी में स्नान कर चुके हैं। 
  6. महाकुंभ में करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान किया। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। 
  7. बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में स्नान किया। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। 
  8. 26 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ के बाद व्यवस्थाओं पर अतिरिक्त ध्यान दिया गया, जिसमें 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए।
  9. इस हादसे के बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया, जिसमें विपक्ष और भाजपा के अधिकांश नेता शामिल हो गए। विपक्ष ने बार-बार सरकार पर निशाना साधा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पर धर्म और संस्कृति को बदनाम करने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने कहा कि यह "गुलाम मानसिकता" को दर्शाता है।
  10. दूसरा बड़ा विवाद उन रिपोर्टों पर था, जिनमें कहा गया था कि संगम के पानी में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया है और यह नहाने के लिए उपयुक्त नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने आलोचकों पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए खंडन जारी किया।
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