Tuesday, April 23, 2024
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न्यूजीलैंड के शॉपिंग मॉल में हुए हमले के पीछे श्रीलंकाई मुस्लिम का हाथ: पुलिस

2017 में शम्सुद्दीन ऑकलैंड में एक व्यक्ति को बताया था कि वह इस्लामिक स्टेट की तरफ से लड़ने के लिए सीरिया जाना चाहता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 04, 2021 21:02 IST
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Image Source : AP वेस्ट ऑकलैंड के लिनमॉल में काउंटडाउन सुपरमार्केट में 32 वर्षीय शम्सुद्दीन ने खरीदारों पर हमला किया था।

कोलंबो: श्रीलंका की पुलिस ने शनिवार को पूर्वी प्रांत में स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथ का गढ़ माने जाने वाले काथनकुडी शहर के निवासी तमिल मुस्लिम अहमद आदिल मोहम्मद शम्सुद्दीन को उस व्यक्ति के रूप में नामजद किया है, जिसने न्यूजीलैंड के एक शॉपिंग मॉल में चाकू मारकर 7 लोगों को घायल कर दिया था। बता दें कि शुक्रवार को वेस्ट ऑकलैंड के लिनमॉल में काउंटडाउन सुपरमार्केट में 32 वर्षीय शम्सुद्दीन ने खरीदारों पर हमला किया था, जिसमें 7 लोग घायल हो गए। इनमें से 3 गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

हमले के 2 मिनट बाद मारा गया शम्सुद्दीन

इस्लामिक स्टेट से प्रेरित चरमपंथी न्यूजीलैंड पुलिस की निगरानी में था और हमला शुरू होने के लगभग 2 मिनट बाद अधिकारियों ने उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने कहा कि पूर्वी जिले बट्टिकलोआ के काथनकुडी के निवासी शम्सुद्दीन की पहचान ऑकलैंड में मॉल में हमला करने वाले व्यक्ति के रूप में हुई है। काथनकुडी को स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथ का गढ़ माना जाता है। श्रीलंका में 2019 में ईस्टर संडे के दिन हुए हमलों में 11 भारतीयों सहित 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के तार काथनकुडी से जुड़े हुए मिले थे।

छात्र वीजा पर श्रीलंका से न्यूजीलैंड पहुंचा था
श्रीलंकाई सरकार ने तब अनुमान लगाया था कि ईस्टर का हमला उससे 2 महीने पहले न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिद पर किए गए हमले के जवाब में किया गया होगा। शम्सुद्दीन 2011 में छात्र वीजा पर श्रीलंका से न्यूजीलैंड पहुंचा था। न्यूजीलैंड की समाचार वेबसाइट 'स्टफ डॉट को डॉट न्यूजीलैंड' की खबर के अनुसार तमिल मुस्लिम शम्सुद्दीन शरणार्थी का दर्जा मांगने के लिए न्यूजीलैंड आया था। उसने दावा किया था कि उसे और उसके पिता को उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण श्रीलंकाई अधिकारियों की ओर से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन पर हमला किया गया और अपहरण कर प्रताड़ित किया गया।

न्यूजीलैंड में मांगा था शरणार्थी का दर्जा
शम्सुद्दीन ने कहा था कि उसे और उसके पिता को छिपने के लिए भी मजबूर किया गया था। न्यूजीलैंड में उसके अनुरोध को स्वीकार कर उसे 20 दिसंबर 2013 को शरणार्थी का दर्जा दिया गया था। न्यूजीलैंड पुलिस ने पहली बार मार्च 2016 में उसपर नजर रखनी शुरू की थी जब उसने हिंसा के वीडियो और तस्वीरें साझा करने के अलावा हिंसक उग्रवाद की वकालत करने वाली टिप्पणियां कीं थीं। उसने अन्य हमलों में शामिल आतंकियों के समर्थन में भी टिप्पणी की थी। 2017 में उसने ऑकलैंड में एक व्यक्ति को बताया था कि वह इस्लामिक स्टेट की तरफ से लड़ने के लिए सीरिया जाना चाहता है, इसके बाद उसे ऑकलैंड एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से सिंगापुर का टिकट मिला था।

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