Wednesday, May 08, 2024
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इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को सिक्यॉरिटी दे रही अमेरिकी सेना? मचा बड़ा बवाल

अमेरिका द्वारा IS को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए सना ने कहा कि अमेरिका और इस्लामिक स्टेट के बीच हुआ यह पहला समझौता नहीं है...

IANS Reported by: IANS
Published on: October 15, 2017 16:53 IST
Islamic State | AP Photo- India TV Hindi
Islamic State | AP Photo

दमिश्क: सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया है कि अमेरिकानीत सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) की सुरक्षा में इस्लामिक स्टेट (IS) के कई आतंकवादियों को उत्तरी शहर रक्का से पूर्वी सीरिया में दायर-अल-जौर प्रांत की तरफ भेजा जा रहा है। इलाके में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं का हवाला देते हुए सरकारी समाचार एजेंसी सना ने शनिवार को कहा कि अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के युद्धक विमान पिछले 2 दिनों सें बिना हवाई हमला किए रक्का के ऊपर उड़ रहे हैं जिसे इस्लामिक स्टेट अपनी राजधानी बताता है। 'सना' ने कहा कि अमेरिका और SDF ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को रक्का से दायर-अल-जौर स्थानांतरित करने के लिए समझौता किया है, जहां सीरिया सरकार के सुरक्षाबल IS आतंकवादियों से लड़ रहे हैं।

अमेरिका द्वारा IS को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए सना ने कहा, ‘अमेरिका और दाएश (IS) के बीच हुआ यह पहला समझौता नहीं है। ऐसे समझौते पहले भी रक्का के ग्रामीण इलाकों तब्का, मंसुरा और करामा से IS आतंकियों को निकालकर वहां भेजने के लिए किए जा चुके हैं, जहां सीरिया की सेना आतंकी संगठन के खिलाफ लड़ रही है।’ सरकारी समाचार एजेंसी सना ने कहा कि यह समझौता अमेरिका और एसडीएफ के उद्देश्यों को लेकर सवाल उठाता है। एजेंसी ने कहा है कि अमेरिका ने सीरियाई सेना के पहुंचने से पहले ही दायर-अल-जौर से कई प्रमुख आईएस नेताओं को बाहर निकाल लिया था। समाचार एजेंसी ने कहा कि यह समझौता रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा अमेरिका पर यह आरोप लगाए जाने के बाद सामने आया कि तंफ इलाके में अमेरिकी सेना की मौजूदगी के बावजूद 400 आतंकवादियों ने इलाके को पार किया।

'सना' ने पिछले साल अमेरिकी सेना द्वारा थार्डा पर्वत पर सीरियाई सेना के मोर्चे पर किए गए हमले की भी याद दिलाई, जिसमें 90 सीरियाई सैनिक मारे गए थे और आईएस दायर-अल-जौर के ग्रामीण इलाकों पर कब्जा करने में कामयाब हो गया था। एजेंसी ने कहा, ‘यह सभी इस सबूत के अंश हैं कि अमेरिका अभी भी आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, चाहे वह आईएस हो या कोई और, वह चालाकी से अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए सीरिया को निशाना बनाता है।’ सीरिया में मानवाधिकारों पर निगरानी रखने वाली संस्था सीरियन आब्जर्वेटरी फार ह्यूमन राइट्स ने पहले कहा था कि विदेशी आईएस लड़ाकू अभी भी रक्का के अंदर हैं, जबकि संगठन के स्थानीय आतंकियों को शहर से बाहर निकाला जा चुका है। 

निगरानी संस्था के अनुसार, विदेशी आतंकवादियों के स्थानांतरण या आत्मसमर्पण में पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका और फ्रांस विरोध करते हैं। गठबंधन सेना ने कहा था कि पहले ही 100 आईएस आतंकी रक्का छोड़ चुके हैं। आईएस आतंकवादियों ने 2014 में रक्का को राजधानी बनाने की घोषणा की थी। मानवाधिकार संस्था ने सात सितम्बर को कहा था कि पिछले तीन महीनों में अमेरिकी सेना के नेतृत्व में रक्का पर किए गए हवाई हमलों और गोलीबारी में 978 नागरिकों की मौत हो चुकी है।

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