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G-7 बैठक में शामिल होने के लिए इटली रवाना हुए पीएम मोदी, जानें पूरा कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना हो गए हैं। भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 13, 2024 19:31 IST, Updated : Jun 13, 2024 20:40 IST
जी-7 के लिए इटली रवाना होते पीएम मोदी। - India TV Hindi
Image Source : MEA जी-7 के लिए इटली रवाना होते पीएम मोदी।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर इटली रवाना हो गए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी है। उन्होंने लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी इटली की अध्यक्षता में होने वाले 50वें G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया की यात्रा पर रवाना हो गए। तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद यह प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है। यहां बहुपक्षीय और द्विपक्षीय प्रारूप में G7 के सदस्यों और अन्य आमंत्रित देशों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ जुड़ने का अवसर मिलेगा। 

बता दें कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारत में चुनाव नतीजे आने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच’ सत्र में भाग लेने के लिए इटली की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सम्मेलन में कृत्रिम मेधा यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। मोदी ने तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत यूरोपीय देश रवाना होने से पहले एक बयान में यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आउटरीच’ सत्र में ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।

15 जून तक चलेगा शिखर सम्मेलन

इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध और गाजा में संघर्ष के मुद्दों के छाये रहने की उम्मीद है। मोदी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली के अपुलिया क्षेत्र की यात्रा कर रहा हूं।’’ मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद उनकी पहली यात्रा जी7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मोदी ने कहा, ‘‘आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच अधिक तालमेल लाने और ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा।’’

जॉर्जिया मेलोनी के साथ होगी पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक

पीएम मोदी जी-7 की बैठक से इतर इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राओं ने हमारे द्विपक्षीय एजेंडे को गति और गहराई देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ प्रधानमंत्री के शिखर सम्मेलन से इतर कई द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने को लेकर भी उत्सुक हूं।’’ जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली जी7 (सात देशों के समूह) शिखर सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध पर होगी चर्चा

इटली ने अपनी अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की रक्षा करने पर जोर दिया है। इटली के अनुसार, यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक युद्ध ने उसके सिद्धांतों को कमजोर कर दिया है और दुनिया भर में कई संकटों के साथ बढ़ती अस्थिरता को जन्म दिया है। उसका कहना है कि जी7 मध्य पूर्व में संघर्ष और वैश्विक एजेंडे के लिए इसके परिणामों को समान महत्व देगा। रूस को इस समूह में शामिल करने के साथ 1997 और 2013 के बीच इसका विस्तार जी8 के रूप में हुआ। हालांकि, क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद 2014 में रूस की भागीदारी निलंबित कर दी गई थी। समूह की परंपरा के अनुरूप, कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को अध्यक्षता करने वाले मेजबान राष्ट्र द्वारा शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता है। (भाषा)

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