Wednesday, April 24, 2024
Advertisement

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पीछे अमेरिका का हाथ? जानें क्या कहती है रिपोर्ट

विपक्षी खेमे ने नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 31, 2022 17:53 IST
pakistan, imran khan, world news, Imran Khan United States, international news- India TV Hindi
Image Source : AP FILE Pakistan Prime Minister Imran Khan.

Highlights

  • अमेरिका ने इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में अपनी भूमिका होने के आरोपों को खारिज किया।
  • अमेरिका ने कहा कि उसने पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर मुल्क को कोई पत्र नहीं भेजा है।
  • इमरान का दावा है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है।

इस्लामाबाद/वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में वॉशिंगटन की भूमिका होने के आरोपों को बुधवार को खारिज किया। गुरुवार को प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा कि उसने पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर मुल्क को कोई पत्र नहीं भेजा है। पाकिस्तान के संकटग्रस्त प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संसद में उस समय बहुमत खो दिया, जब सत्तारूढ़ गठबंधन का एक प्रमुख भागीदार मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (MQM-P) विपक्षी खेमे में शामिल हो गया।

विपक्षी खेमे ने नेशनल असेंबली में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इमरान दावा कर रहे हैं कि विपक्ष द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव उनकी विदेश नीति के विरोध में रची गई एक ‘विदेशी साजिश’ का नतीजा है और उन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए विदेश से धन की आपूर्ति की जा रही है। बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेतृत्व वाली सरकार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ विदेशी साजिश से जुड़े आरोप एक राजनयिक केबल पर आधारित हैं, जो विदेश में पाकिस्तान के एक मिशन से प्राप्त हुआ है।

‘द डॉन’ अखबार के मुताबिक, इमरान सरकार ने शुरुआत में यह पत्र पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के साथ साझा करने की पेशकश की थी, लेकिन बाद में प्रधानमंत्री ने अपनी कैबिनेट के सदस्यों को भी पत्र में मौजूद सामग्री के बारे में भी जानकारी दी। अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद पत्रकारों के एक समूह को प्रधानमंत्री के साथ उनकी बातचीत के दौरान कैबिनेट बैठक का ब्योरा दिया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बैठक में भले ही किसी विदेशी सरकार का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन पत्रकारों को बताया गया था कि संबंधित देश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पाकिस्तानी राजदूत को सूचित किया था कि उन्हें इमरान की विदेश नीति से समस्या है, खासतौर पर रूस की उनकी यात्रा और यूक्रेन युद्ध के संबंध में उनके रुख को लेकर। इमरान ने 24 फरवरी को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। यह वही दिन है, जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

इसी के साथ इमरान बीते 23 वर्षों में रूस का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए थे। उनसे पहले नवाज शरीफ ने बतौर पाक प्रधानमंत्री 1999 में मॉस्को की यात्रा की थी। मार्च महीने की शुरुआत में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था, जिसमें रूस से युद्ध रोकने का आह्वान किया गया था। इस्लामाबाद ने संघर्ष का समाधान वार्ता और कूटनीतिक माध्यम से तलाशने की वकालत की थी।

‘द डॉन’ की खबर के अनुसार, पाकिस्तानी राजदूत को सूचित किया गया था कि दोनों देशों के रिश्तों का भविष्य उस अविश्वास प्रस्ताव पर निर्भर होता, जिसे विपक्षी दल उस समय इमरान के खिलाफ लाने की योजना बना रहे थे। इसके मुताबिक, पाकिस्तानी राजदूत को आगाह किया गया था कि अगर इमरान अविश्वास प्रस्ताव के बाद बहुमत साबित करने में सफल रहते हैं तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। बताया जाता है कि कथित पत्र सात मार्च को भेजा गया था, जिसके एक दिन बाद विपक्षी दलों ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर उस पर मतदान के लिए नेशनल असेंबली का एक सत्र बुलाने की मांग की थी।

इस बीच, ‘द डॉन’ ने दावा किया है कि कथित पत्र अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत असद मजीद द्वारा दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के अमेरिकी उप विदेश मंत्री डोनाल्ड लू के साथ हुई उनकी बैठक के आधार पर भेजा गया था। मजीद अपना नया कार्यभार संभालने के लिए ब्रसेल्स रवाना हो चुके हैं। अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत के तौर पर उनकी जगह मसूद खान ने ले ली है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर किसी भी अमेरिकी सरकारी एजेंसी या अधिकारी ने इस्लामाबाद को कोई पत्र नहीं भेजा है।

कथित पत्र और PTI सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में अमेरिका की संलिप्तता के बारे में डॉन के सवालों के जवाब में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा ‘इन आरोपों में कोई सचाई नहीं है।’ वॉशिंगटन में मौजूद कुछ राजनयिक सूत्रों के अनुसार, यह पत्र पाकिस्तान के एक वरिष्ठ दूत द्वारा वॉशिंगटन के लिए तैयार कूटनीतिक पत्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि पत्र की सामग्री पाकिस्तानी और अन्य देश के अधिकारियों के बीच हुई अनौपचारिक बातचीत पर आधारित है।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Asia News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement