Thursday, May 02, 2024
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पहले हफ्ते में पांच से ज्यादा लक्षण हैं तो कोविड लंबे समय तक रहने के आसार

कोरोना वायरस संक्रमण के पहले हफ्ते में जिन लोगों में पांच या उससे ज्यादा लक्षण दिखते हैं उनमें लंबे वक्त तक कोविड रह सकता है चाहे उनकी उम्र या लिंग कुछ भी हो। अध्ययनों की एक समीक्षा में यह जानकारी सामने आई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 16, 2021 17:37 IST
Five or more symptoms in first week of infection linked to long COVID: Study- India TV Hindi
Image Source : AP कोरोना वायरस संक्रमण के पहले हफ्ते में जिन लोगों में पांच लक्षण दिखते हैं उनमें लंबे वक्त तक कोविड रह सकता है।

लंदन: कोरोना वायरस संक्रमण के पहले हफ्ते में जिन लोगों में पांच या उससे ज्यादा लक्षण दिखते हैं उनमें लंबे वक्त तक कोविड रह सकता है चाहे उनकी उम्र या लिंग कुछ भी हो। अध्ययनों की एक समीक्षा में यह जानकारी सामने आई है। लंबे समय तक रहने वाले कोविड में, मरीजों में काफी वक्त तक लक्षण रहते हैं, कई बार कुछ महीनों तक। समीक्षा में लंबे समय तक कोविड के लक्षणों की व्यापकता, जटिलताओं और प्रबंधन पर वर्तमान अनुसंधानों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया। यह समीक्षा जर्नल ऑफ रॉयल सोसाइटी ऑफ मेडिसिन(जेआरएसएम) में प्रकाशित हुई है। 

ब्रिटेन में बरमिंघम यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि समीक्षा में व्यापक प्रसार वाले आंकड़ों में लंबे कोविड के 10 सबसे आम लक्षण सामने आए। इनमें थकान, सांस फूलना, मांसपेशियों में दर्द, खांसी, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, सीने में दर्द, सूंघने की शक्ति चले जाना, दस्त एवं स्वाद न आना शामिल हैं। 

अनुसंधानकर्ताओं ने लंबे समय तक रहने वाले कोविड के दो मुख्य लक्षण समूहों की पहचान की है जिनमें विशेष रूप से थकान, सिरदर्द और ऊपरी श्वसन तंत्र संबंधी शिकायतें शामिल हैं, और जिन्हें लगातार बुखार एवं पाचन तंत्र संबंधी लक्षणों सहित शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़ी शिकायतें हैं। 

अध्ययन के प्रमुख लेखक ओलालेकन ली एयगबुसी ने कहा, “इस बात के प्रमाण हैं कि मरीजों पर तीव्र कोविड-19 के प्रभाव, चाहे तीव्रता जितनी भी हो, ज्यादातर गंभीर मामलों में अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी उनकी खराब जीवन गुणवत्ता, मानसिक स्वास्थ्य तथा रोजगार के मुद्दों तक पर पड़ते हैं।”

उन्होंने कहा, “लंबे कोविड के साथ जी रहे लोगों को आम तौर पर लगता है कि वे अकेले हैं और स्वास्थ्य प्रदाताओं ने उन्हें छोड़ दिया है तथा उन्हें सीमित या विरोधाभासी सलाहें मिलती हैं।” 

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