Thursday, April 18, 2024
Advertisement

अमेरिका के पॉल आर मिल्ग्रॉम और रॉबर्ट बी विल्सन को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार

अमेरिका के पॉल आर मिल्ग्रॉम और रॉबर्ट बी विल्सन को ऑक्शन थ्योरी में सुधार के लिये अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 12, 2020 16:57 IST
Nobel Prize2020 in Economic Sciences awarded to Paul R Milgrom and Robert B Wilson - India TV Hindi
Image Source : NOBLE CENTER Nobel Prize2020 in Economic Sciences awarded to Paul R Milgrom and Robert B Wilson 

स्टॉकहोम: अमेरिका के पॉल आर मिल्ग्रॉम तथा रॉबर्ट बी विल्सन को इस साल का अर्थशास्त्र को नोबेल पुरस्कार मिला है। उन्हें यह पुरस्कार ‘‘नीलामी सिद्धांत में सुधार और नए नीलामी स्वरूप के आविष्कार’’ के लिए दिया गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैंसन ने सोमवार को स्टॉकहोम में अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा की। इस पुरस्कार की घोषणा के साथ ही नोबेल परस्कार सप्ताह का समापन हो गया है।

तकनीकी रूप से इसे ‘स्वीरिजेज रिक्सबैंक प्राइज इन इकोनॉमिक साइंसेज इन मेमोरी ऑफ अल्फ्रेड नोबेल’ के तौर पर जाना जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना 1969 में की गई थी और तब से इसे 51 बार दिया जा चुका है और इसे नोबेल पुरस्कारों में से एक माना जाता है। पिछले साल वैश्विक गरीबी दूर करने की दिशा में शोध के लिये यह पुरस्कार मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दो शोधकर्ताओं और हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता को दिया गया था। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक करोड़ क्रोना (करीब 11 लाख अमेरिकी डॉलर) की रकम प्रदान की जाती है। 

नोबेल शांति पुरस्कार

दुनिया भर में युद्धग्रस्त और मुश्किल इलाकों में भूखमरी से लड़ने के प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूईपी) को शांति नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की शुक्रवार को घोषणा की गई। कोरोना वायरस की महामारी में यात्रा पाबंदियों के बावजूद दक्षिण सूडान में विमान से खाद्य सामग्री गिराने से लेकर आपात आपूर्ति व्यवस्था सेवा बनाने जैसे कार्यों को कर दुनिया के सबसे खतरनाक और संकटग्रस्त इलाकों तक पहुंचने में रोम से संचालित डब्ल्यूइपी को महारत हासिल है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने गत वर्ष 88 देशों के करीब 10 करोड़ लोगों को सहायता पहुंचाई थी। 

नोबेल साहित्य पुरस्कार

अमेरिकी कवयित्री लुईस ग्लिक को 2020 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। वर्ष 2016 में बॉब डिलन के बाद वह पहली अमेरिकी विजेता बन गई हैं। नोबेल समिति ने ग्लिक के रचना कार्य की सराहना की जिन्हें यह पुरस्कार ‘‘शानदार काव्य शैली के लिए दिया गया है, जो व्यक्तिगत अस्तित्व को सार्वभौमिक पहचान दिलाती है और जिसमें सादगी भरी सुंदरता का अप्रतिम वर्णन है।’’ स्वीडिश एकेडमी के स्थायी सचिव मैट्स माल्म ने स्टॉकहोम में बृहस्पतिवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। नोबेल एकेडमी ने कहा कि न्यूयॉर्क में जन्मीं ग्लिक ने 1968 में अपनी पहली रचना ‘फर्स्टबॉर्न’ लिखी और वह जल्द ही अमेरिकी समकालीन साहित्य के सर्वाधिक जाने-माने कवियों की श्रेणी में शामिल हो गईं। ग्लिक (77) येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी की प्रोफेसर हैं। 

नोबेल पुरस्कार रसायन विज्ञान

आनुवंशिक रोगों और यहां तक कि कैंसर के उपचार में भविष्य में मददगार साबित होने वाली ‘‘जीनोम एडिटिंग’’ की एक पद्धति विकसित करने के लिये रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 2020 का नोबेल पुरस्कार दो महिला वैज्ञानिकों को देने की बुधवार को घोषणा की गई। स्टॉकहोम में स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने यह प्रतिष्ठित पुरस्कार एमैनुएल चारपेंटियर और जेनिफर ए.डॉडना को देने की घोषणा की है। यह पहला मौका है जब रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दो महिलाओं को एक साथ इस पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। फ्रांसीसी वैज्ञानिक एमैनुएल और अमेरिकी वैज्ञानिक जेनिफर ने ‘सीआरआईएसपीआर/सीएएस9’ (क्रिस्पर/कास9) नाम की एक पद्धति विकसित की, जिसका इस्तेमाल जंतुओं, पौधों और सूक्ष्म जीवों के डीएनए को अत्यधिक सूक्ष्मता से बदलने में किया जा सकता है। 

भौतिकी का नोबेल पुरस्कार

ब्लैक होल संबंधी खोज के लिए तीन वैज्ञानिकों को 2020 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को कहा कि इनमें से ब्रिटेन के रोजर पेनरोसे को ब्लैकहोल संबंधी खोज के लिए तथा जर्मनी के रीनहार्ड गेंजेल और अमेरिका के एंड्रिया घेज को ‘‘हमारी आकाशगंगा के केंद्र में ‘सुपरमैसिव कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ की खोज के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है। तारकीय अवशेषों, श्वेत वामन तारों, न्यूट्रॉन तारों और ब्लैक होल जैसी चीजों को ‘कॉम्पैक्ट ऑबजेक्ट’ कहा जाता है। पेनरोसे ने पता लगाया है कि ब्लैक होल की उत्पत्ति सापेक्षता के ‘सामान्य’ सिद्धांत संबंधी एक मजबूत प्रमाण है।

पेनरोसे ने गणितीय आधार पर साबित किया कि ब्लैक होल की उत्पत्ति संभव है और यह पूरी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत पर आधारित है। वहीं, गेंजेल और घेज ने ‘‘हमारी आकाशगंगा’’ के धूल से घिरे केंद्र को देखा जहां कुछ अद्भुत घटना हो रही थी। अनेक तारे किसी ऐसी चीज की परिक्रमा कर रहे थे जो अब तक उन्होंने नहीं देखी। यह एक ब्लैक होल था। यह कोई साधारण ब्लैक होल नहीं, बल्कि ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ था जो ‘‘हमारे सूर्य से’’ 40 लाख गुना अधिक द्रव्यमान का था। अब वैज्ञानिक जानते हैं कि सभी आकाशगंगाओं में ‘सुपरमैसिव ब्लैक होल’ होते हैं।

नोबेल चिकित्सा पुरस्कार

अमेरिकी वैज्ञानिक हार्वे जे आल्टर और चार्ल्स एम राइस तथा ब्रिटिश विज्ञानी माइकल हफटन को हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए सोमवार को चिकित्सा के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। नोबेल पुरस्कार समिति ने सोमवार को स्टाकहोम में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि तीनों वैज्ञानिकों के अनुसंधान में रक्त से होने वाले हेपेटाइटिस संक्रमण के प्रमुख स्रोत का पता चला जिसके बारे में पहले खोजे गये हेपेटाइटिस ए और बी बिषाणुओं द्वारा पता नहीं चल सका था। समिति ने कहा कि 1970 और 1980 के दशकों में किये गये उनके अनुसंधान कार्य से लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिली। 

READ: भारतीय मूल के श्रीकांत दातार हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के डीन बनाए गए

READ: सरकारी नौकरी: SSC ने Stenographer Group C, D के लिए मांगे आवेदन, देखें आखिरी तारीख

READ: कोरोना वायरस महामारी के कारण टूटेगी 175 सालों से चली आ रही रामलीला मंचन की परंपरा

READ: SNOKOR ने एडवांस फीचर्स से लैस iRocker Gods को किया लॉन्च, देखें शानदार फीचर्स और कीमत

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement