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ECA ने कहा, यूरोप के कुछ देशों में हवा की क्वॉलिटी भारत और चीन से भी बदतर

भारत में अक्सर यूरोपीय देशों को प्रदूषण से लगभग मुक्त माना जाता है लेकिन यूरोप की एक नियामक संस्था की मानें तो ऐसा नहीं है।

Reported by: Bhasha
Published : September 11, 2018 21:23 IST
Some EU countries have worse air than India and China: ECA | Pixabay.Com- India TV Hindi
Some EU countries have worse air than India and China: ECA | Pixabay.Com

ब्रसेल्स: भारत में अक्सर यूरोपीय देशों को प्रदूषण से लगभग मुक्त माना जाता है लेकिन यूरोप की एक नियामक संस्था की मानें तो ऐसा नहीं है। इस संस्था ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय संघ के ज्यादातर देश ब्लॉक के वायु गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहे हैं और हर दिन 1,000 से ज्यादा यूरोपीय नागिरक काल का ग्रास बन जाते हैं। यह सड़क दुर्घटना में मरने वालों की तुलना में दस गुना से भी ज्यादा है। यूरोपियन कोर्ट ऑफ ऑडिटर्स (ECA) यूरोपीय संघ का एक निकाय है जो इस बात की जांच करता है कि ब्लॉक अपने बजट को कैसे खर्च करता है। 

ECA ने कहा कि बुल्गारिया और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों में स्वास्थ्य पर प्रदूषण का खतरनाक प्रभाव चीन और भारत जैसे एशियाई देशों से भी बदतर है। ECA ने कहा कि 28 देशों के समूह में विफलताएं अधिक स्पष्ट हैं क्योंकि यूरोपीय संघ के कुछ दिशा-निर्देश विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गए दिशा-निर्देशों की तुलना में कमजोर हैं। रिपोर्ट तैयार करने वाली लक्जमबर्ग स्थित ECA के सदस्य जानुस्ज वोचीचोवस्की ने कहा, ‘वायु प्रदूषण यूरोपीय संघ में स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा पर्यावरण जोखिम है।’

उन्होंने कहा, ‘हाल के दशकों में, ईयू की नीतियों ने उत्सर्जन में कमी में योगदान दिया है, लेकिन वायु की गुणवत्ता में उस दर से सुधार नहीं हुआ है और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर उसका अब भी अच्छा खासा प्रभाव है।’ रिपोर्ट में ब्लॉक में सालाना चार लाख समय पूर्व मौतों के लिये सूक्ष्म कणों, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ग्राउन्ड लेवेल ओजोन के उच्च स्तर को जिम्मेदार ठहराया गया है। उसने एक चार्ट प्रस्तुत किया जिसमें दिखाया गया है कि बुल्गारिया, चेक गणराज्य, लातविया और हंगरी, चीन और भारत की तुलना में अधिक संख्या में परिवेशी वायु प्रदूषण से स्वस्थ जीवन के वर्ष खोते हैं। 

भारत और चीन इस मामले में दुनिया का अधिक ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। चार्ट में दिखाया गया है कि स्वास्थ्य को नुकसान के मामले में रोमानिया चीन की तुलना में थोड़ा बेहतर है, लेकिन भारत की तुलना में बदतर है। लिथुआनिया और पोलैंड बहुत पीछे नहीं थे। अध्ययन में WHO के 2012 के आंकड़ों का हवाला दिया गया है। जहां बुल्गारिया के हर 100 निवासियों ने स्वस्थ जीवन के तकरीबन ढाई वर्ष खो दिए वहीं हंगरी में यह आंकड़ा 1.8, चीन में 1.7 और भारत में लगभग 1.6 साल है।

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