नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को भाकपा (ML) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य की इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) बिहार में “जंगल राज का डर” पैदा करके वोट हासिल करने की कोशिश कर रहा है। प्रधान ने कहा कि वह (भट्टाचार्य) एक क्रूर सच्चाई से मुंह फेरने की कोशिश कर रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने भट्टाचार्य को 1997 में बिहार के सिवान में वामपंथी कार्यकर्ता चंद्रशेखर प्रसाद की हत्या की याद दिलाई।
एक्स पर लिखी ये बात
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता प्रधान ने कहा कि 2005 से पहले बिहार में ‘जंगल राज’ था और यह तथ्य अदालतों ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “ वह (भट्टाचार्य) ‘जंगल राज’ की क्रूर सच्चाई को नकार रहे हैं। ऐसा साफ तौर पर लग रहा है कि वह लालू राज के ‘जंगल राज’ को दूध की तरह सफेद पेश कर रहे हैं। 2005 से पहले बिहार में ‘जंगल राज’ की स्थिति थी-यह एक ऐसा तथ्य है, जिसे अदालतें भी स्वीकार कर चुकी हैं। इसलिए, महागठबंधन के नेताओं का इसे स्वीकार करने से इनकार करना सच्चाई से मुंह फेरने जैसा है।”

‘जंगल राज’ वास्तव में क्या है?
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के कथित इशारे पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के छात्र नेता चंद्रशेखर प्रसाद की हत्या का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा, “अगर चंद्रशेखर की हत्या ‘जंगल राज’ नहीं है, तो कॉमरेड दीपांकर के अनुसार ‘जंगल राज’ वास्तव में क्या है?” उन्होंने कहा, “क्या महागठबंधन और वामपंथी नेता बताएंगे कि चंद्रशेखर चंदू की नृशंस हत्या और उनका बलिदान ‘जंगल राज’ का वीभत्स चेहरा नहीं था।”
शहाबुद्दीन के इशारे पर की गई थी हत्या
प्रधान ने कहा, “पूरा देश जानता है कि चंदू की हत्या शहाबुद्दीन के इशारे पर की गई थी। क्या कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य उसी शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के लिए प्रचार करने नहीं जाएंगे? उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।” केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि पूरा देश जानता है कि 1990 से 2005 तक बिहार ‘जंगल राज’ की भयावहता को झेलने को मजबूर था। उन्होंने कहा, “हत्या, हिंसा, अपहरण और जबरन वसूली लालू प्रसाद के शासन की सबसे बड़ी पहचान थी।” (इनपुट-भाषा)