Friday, April 19, 2024
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दिल्ली की हवा फिर बिगड़ी, क्रिसमस पर सुधार की आस; NCR में ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर

हवा की धीमी रफ्तार और कम तापमान के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया, जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और एन-95 या पी-100 रेस्पिरेटर्स पहनने की सलाह दी। 

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 23, 2020 18:38 IST
Delhi’s air quality ‘very poor’, may improve over next 2 days: IMD- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया।

नई दिल्ली: हवा की धीमी रफ्तार और कम तापमान के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया, जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और एन-95 या पी-100 रेस्पिरेटर्स पहनने की सलाह दी। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक दोपहर के समय 436 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 29 ने गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक रीडिंग दिखाई।

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राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी, पटपड़गंज और आनंद विहार इलाकों में हवा सबसे अधिक खराब रही, जो इमरजेंसी लेवल की ओर बढ़ रही है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर ), जो कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्वावधान में आता है, ने एक सख्त चेतावनी जारी कर सभी को बाहरी शारीरिक गतिविधि से बचने और असामान्य खांसी, सीने में तकलीफ, सांस लेने में तकलीफ या थकान होने पर डॉक्टर से परामर्श करने के लिए कहा।

वायु गुणवत्ता सूचकांक 24 दिसंबर तक गंभीर श्रेणी में रहने का अनुमान लगाया गया है और थोड़ा बेहतर वेंटिलेशन की स्थिति के कारण 25 दिसंबर को मामूली सुधार देखने को मिल सकता है। इस बीच, दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों - गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई। 

ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक ऐप समीर के अनुसार बुधवार को यहां के प्रमुख शहर डार्क रेड जोन में पहुंच गए हैं, जो कि काफी भयावह स्थिति है। बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से एनसीआर में बुधवार सुबह धुंध छाई रही, जिसके वजह से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। 

प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जनपद में अक्टूबर माह से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्रवाई योजना (ग्रेप) लागू है। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले तथा वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ प्रदूषण विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। 

राष्ट्रव्यापी स्तर पर 11 शहरों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद चार्ट में शीर्ष पर हैं, इसके बाद नोएडा और बुलंदशहर हैं। मिजोरम के आइजोल शहर ने देश में सबसे स्वच्छ हवा 19 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की।

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