Sunday, April 28, 2024
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जेजीयू को मिला 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' का दर्जा

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है और विश्वविद्यालय को इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा दिया गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 30, 2020 14:45 IST
JGU gets 'Institution of Eminence' status- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE JGU gets 'Institution of Eminence' status

नई दिल्ली। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है और विश्वविद्यालय को इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा दिया गया है। यह जेजीयू के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस संदर्भ में आईओई नियमों के तहत सभी वैधानिक, विनियामक और प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को विधिवत रूप से पूरा किया गया है और जेजीयू को 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' के रूप में कार्य करने की स्वीकृति दी गयी है।

'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' के चयन और सिफारिश की जिम्मेदारी एक सशक्त विशेषज्ञ समिति को सौंपी गई थी, जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नियुक्त किया गया था। 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' के रूप में दर्जा दिये जाने के साथ, जेजीयू देश के शीर्ष 10 निजी संस्थानों के एक प्रतिष्ठित समूह में शामिल हो गया है, जिसे विनियामक नियंत्रणों से हटाकर पूर्ण स्वायत्तता दी गई है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर और संरक्षक, नवीन जिंदल ने कहा, "मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि जेजीयू को 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' के दर्जा से सम्मानित किया गया है। यह जेजीयू के लिए एक अविश्वसनीय मान्यता है और विश्वविद्यालय की असाधारण उपलब्धियों के लिए एक महान सम्मान है। जेजीयू मेरे पिता ओपी जिंदल की याद में स्थापित किया गया था, जो शिक्षा, उद्यमिता, परोपकार और राष्ट्र-निर्माण में विश्वास करते थे। मैं कुलपति, संकाय सदस्यों, छात्रों, हमारे छात्रों के माता-पिता और जेजीयू के कर्मचारियों को उनकी कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण के लिए बधाई देता हूं, जिन्होंने इसकी स्थापना के बाद एक दशक में ही इस शानदार उपलब्धि को हासिल करने में मदद की।

उन्होंने कहा, "विश्व-स्तरीय विश्वविद्यालय बनने की हमारी यात्रा में, हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और संसाधनों, शैक्षणिक स्वतंत्रता और स्वायत्ता के साथ जेजीयू को सक्षम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जो जेजीयू को और अधिक आगे बढ़ाने में मदद करेगा। मुझे विश्वास है कि इससे हमें वैश्विक मंच पर संस्थागत उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।"अक्टूबर 2020 में, केंद्रीय कैबिनेट शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की अध्यक्षता में 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसके बाद जेजीयू ने भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय से 'इंस्टीट्यूशनऑफ एमिनेंस' (आईओई) का दर्जा दिये जाने का उल्लेख करते हुए आधिकारिक पत्र प्राप्त किया। शिक्षा मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर गुरुवार को किया गया।

ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ) सी राज कुमार ने कहा, "जेजीयू के इतिहास में आज का दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। जेजीयू को 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' का दर्जा दिए जाने के साथ, हम भारत के शीर्ष 10 सार्वजनिक और शीर्ष 10 निजी संस्थानों के 'आइवी लीग' में शामिल हो गए हैं। इसलिए, जेजीयू को अधिकांश नियामक नियंत्रणों से मुक्त रखा गया है और इसे पूर्ण स्वायत्तता दी गई है। जब 2009 में जेजीयू की स्थापना हुई, तो लक्ष्य बहुत सरल था- भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय का निर्माण करना। वास्तविकता यह है कि हमें एक दशक से भी कम समय में यह मान्यता मिली है, जो छात्रों, संकाय सदस्यों और जेजीयू के कर्मचारियों के असाधारण योगदान को दशार्ता है। हम उच्च शिक्षा में परोपकार को बढ़ावा देने में उनके परिवर्तनकारी नेतृत्व के प्रति आभारी हैं।"

प्रोफेसर सी राजकुमार ने विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिंग में जेजीयू की शानदार उपस्थिति को दर्शाते हुए कहा, "जेजीयू-एशिया रैंकिंग, ब्रिक्स रैंकिंग और विश्व रैंकिंग तीनों स्तरों पर क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में अव्वल रहा, जिससे उसे नवीनतम क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार भारत के नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय के रूप में और नवीनतम क्यूएस वल्र्ड 'यंग' यूनिवर्सिटी रैंकिंग में दुनिया के शीर्ष 150 विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिली। "

जेजीयू के रजिस्ट्रार, प्रोफेसर दाबिरु श्रीधर पटनायक ने कहा, "जेजीयू हमेशा भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनाने और वैश्विक प्रणेताओं को बनाने में मदद करने को इच्छुक रहा है। 'इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस' के रूप में मान्यता मिलना भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्विक पदचिह्न् को बढ़ाने के हमारे ²ष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह विशेष प्रयास तीन साल की परियोजना है, जिसका समापन अंतत: भारत सरकार द्वारा जेजीयू को दिए जाने वाले आईओई के सर्वोच्च दर्जा से हुआ। यह शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की हमारी खोज को मिली एक मान्यता है, जहां हमारी दशक लंबी यात्रा आज 10 अंतर-अनुशासनात्मक स्कूलों में समाप्त हो गई है, जिसमें 6500 से अधिक छात्र और 730 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य हैं।"

 

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