Monday, April 29, 2024
Advertisement

कभी सोचा है कि Trains में AC कोच बीच में ही क्यों होते हैं? जानें इसकी वजह

हम सभी ने कभी न कभी रेल से सफर किया है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि इंडियन ट्रेंस में एसी डिब्बा या एसी कोच रेल के बीच में ही क्यों होता है? आज हम आपको इस खबर के जरिए बताएंगे के भारतीय रेल में एसी कोच को गाड़ी के बीच में ही क्यों लगया जाता है।

Akash Mishra Written By: Akash Mishra @Akash25100607
Updated on: February 15, 2023 9:34 IST
सांकेतिक फाइल फोटो- India TV Hindi
Image Source : TWITTER सांकेतिक फाइल फोटो

AC Coaches in Trains: अगर कहीं दूर का सफर करना हो तो भारत में ज्यादातर लोग रेल से ही यात्रा करना पसंद करते हैं। इसका बहुत बड़ा कारण यह है कि भारतीय रेलवे की यात्रा ज्यादा सुगम और सुरक्षित माध्यम है। इसी वजह से देश में रोजाना करोड़ों लोग इससे सफर करते हैं। भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया सबसे बड़ें नेटवर्कों में से एक है। हम सभी ने कभी न कभी रेल से सफर किया है। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि इंडियन ट्रेंस में एसी डिब्बा या एसी कोच रेल के बीच में ही क्यों होता है? आज हम आपको इस खबर के जरिए बताएंगे के भारतीय रेल में एसी कोच को गाड़ी के बीच में क्यों लगया जाता है।   

ये है कारण

भारतीय रेल में इंजन के बाद जनरल डब्बे लगे होते हैं। इसके बाद स्लीपर कोच और फिर बीच में एसी कोच लगे होते हैं। इसके बाद दोबारा स्लीपर डब्बे और फिर जनरल डिब्बे लगे होते हैं। आइए अब जानते हैं कि इंडियन ट्रेन्स में AC कोच को बीच में ही क्यों लगाया जाता है? दरअसल, ट्रेन के बीच में एसी कोच को यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लगाया जाता है। रेलवे स्टेशनों पर एग्जिट गेट उसके बिल्कुल बीच में होते हैं। ऐसे में एसी कोच में जो यात्री सफर करते हैं। उनको लगेज के साथ आने जाने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

प्रतीकात्मक फोटो

Image Source : FILE
प्रतीकात्मक फोटो

स्लीपर क्लास और जनरल कोच के किराए के मुकाबले एसी कोच का किराया ज्यादा होता हैृ या यूं कहें कि जमीन-आसमान का अंतर होता है। इसलिए भारतीय रेलवे को इस बात को ध्यान में रखकर उनकी सुविधाओं का भी ख्याल रखना होता है। अपने रेल सफर के दौरान आपने भी गौर किया होगा कि स्टेशन पर एग्जिट गेट या बाहर जाने का रास्ता स्टेशन के बीच में ही होता है। ऐसे में जब प्लेटफॉर्म पर ट्रेन रुकती है तो एसी डिब्बे इस एग्जिट गेट से काफी पास में होते हैं। इस तरह एसी में यात्रा करने वाले यात्री भीड़ से बचकर कम समय में एग्जिट कर जाते हैं। जबकि जनरल कोच की भीड़ प्लेटफॉर्म पर दोनों छोर में बंट जाती है।

आपको बता दें कि राजधानी, शताब्दी जैसी  फुल एसी ट्रेंस को छोड़कर ज्यादातर मेल/एक्सप्रेस ट्रेन्स में कोच का अरेंजमेंट एक जैसा ही होता है। सबसे पहले इंजन, फिर जेनरल बोगी, फिर स्लीपर, एसी बोगी और फिर अंत में जनरल डिब्बे लगे होते हैं।

ये भी पढ़ें- गदर के 'तारा सिंह' और 'सकीना' की क्या है क्वालिफिकेशन? जानें पूरी डिटेल
गैस सिलेंडर पर लिखे नंबर पर कभी गौर किया है आपने? आपके बहुत काम का होता है
 

 

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement