Tuesday, December 09, 2025
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कभी आंका गया कमतर, अब बना बॉलीवुड का शुक्राचार्य, 2025 में ऐसी चमकी किस्मत, विक्की कौशल और रणवीर सिंह को कर गया चारों खाने चित

'धुरंधर' रिलीज के बाद से ही चर्चा में बनी हुई है। फिल्म की कहानी तो लोगों को पसंद आ ही रही है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है रेहमान डकैत की। इस किरदार ने लोगों को दीवाना बना दिया है और इसी की के साथ ही अक्षय खन्ना का मेगा कमबैक हुआ है।

Written By: Jaya Dwivedie @JDwivedie
Published : Dec 09, 2025 09:40 am IST, Updated : Dec 09, 2025 09:40 am IST
Akshaye khanna- India TV Hindi
Image Source : VIRAL BHAYANI अक्षय खन्ना।

फिल्मी दुनिया में अब नेपोटिज्म और स्टारकिड चलन में है, लेकिन एक दौर ऐसा था, जब ये शब्द इतने मायने नहीं रखते थे। इसी दौर में एंट्री हुई थी अक्षय खन्ना की, जो सुपरस्टार विनोद खन्ना के बेटे थे। एक ऐसा नाम, जिसे बॉलीवुड हमेशा से जानता था, लेकिन कभी पूरी तरह पहचान नहीं पाया। वह उस शांत नदी की तरह हैं जो चुपचाप बहती रहती है, पर जब उफान आता है तो सबको चौंका देती है। इंडस्ट्री में उन्हें हमेशा 'अंडररेटेड जेम' कहा गया और यह बात उतनी ही सच है जितनी अधूरी। उनकी प्रतिभा में कोई संदेह नहीं, लेकिन अक्षय ने कभी भी खुद को उस पारंपरिक बॉलीवुड हीरो की छवि में ढालने की कोशिश ही नहीं की। वे न रोमांटिक लवर बॉय बने, न ही मसाला फिल्मों के पोस्टर स्टार, लेकिन अब किस्मत के पन्ने पलट रहे हैं। 'छावा' की धाक और 'धुरंधर' का शोर अक्षय के करियर को नई उड़ान दे रहे हैं। दोनों ही फिल्मों में वो लीड एक्टर पर भारी पड़े हैं।

‘धुरंधर’ जहां रणवीर स्टार, लेकिन अक्षय चमके

फिल्म में भले ही रणवीर सिंह केंद्रीय भूमिका में हों, लेकिन दर्शकों का दिल जीत लेता है अक्षय का रहमान डकैत। उनका यह किरदार इतना गहरा, इतना दमदार है कि दिल चाहता है के शालीन समीर और 'हंगामा' की मासूम सी कॉमिक टाइमिंग भी फीकी पड़ जाती है। सालों पहले आईं इन फिल्मों ने उन्हें पहचान जरूर दिलाई, मगर वह एक बड़ी छलांग जिसकी जरूरत थी, वह अब जाकर मिल रही है। विनोद खन्ना जैसे आइकॉनिक पिता के बेटे होने के बावजूद अक्षय ने कभी भी स्टार-किड वाली चमक का फायदा नहीं उठाया। उन्होंने न कभी आक्रामक प्रमोशन किया, न ही अपनी इमेज बनाने के लिए सोचा-समझा PR खेल खेला। शायद इसी संयम ने उन्हें इंडस्ट्री के भीड़-भाड़ वाले शोर में थोड़ा पीछे रखा, लेकिन अलग भी बनाया। 27 साल के लंबे करियर में उनके नाम सिर्फ चंद ब्लॉकबस्टर दर्ज हैं, लेकिन आज जब वह अपने परफॉर्मेंस के दम पर आगे बढ़ रहे हैं तो साफ है, अक्षय अपनी जगह खुद बना रहे हैं और मजबूती से बना रहे हैं।

एक कठिन शुरुआत, पर मजबूत जज्बा

1997 की उनकी पहली फिल्म 'हिमालय पुत्र' बॉक्स ऑफिस पर धराशायी हो गई, लेकिन एक्टर अक्षय सभी की नजरों में आए। उसी साल 'बॉर्डर' में उनके भावुक परफॉर्मेंस ने उन्हें फिल्मफेयर डेब्यू दिलाया, लेकिन किस्मत अभी नरम नहीं हुई थी, इसके बाद 'मोहब्बत', 'भाई भाई', 'डोली सजा के रखना' और 'कुदरत' जैसी लगातार चार फ्लॉप्स ने उनकी राह और कठिन कर दी। 1999 में 'आ अब लौट चलें' आई और ऐश्वर्या राय के साथ उनकी केमिस्ट्री खूब सराही गई। यह वह दौर था जब अक्षय कम उम्र में गंजेपन और चश्मा लगाने जैसी चुनौतियों से भी जूझ रहे थे। उन्होंने कहा था, 'ऐसा लगा जैसे किसी पियानो बजाने वाले की उंगलियां खो गई हों…।' यह एक्टर के लिए कितना बड़ा झटका रहा होगा, यह कल्पना करना भी मुश्किल है।

चार साल का लंबा सन्नाटा

2012 से 2016, चार साल अक्षय पर्दे से लगभग गायब रहे। यह ब्रेक किसी मजबूरी की वजह से नहीं, बल्कि खुद को फिर से संतुलित करने की जरूरत से लिया गया फैसला था। वापसी हुई 'डिशूम' और 'मॉम' से और इससे साबित हुआ कि अब वे क्वॉन्टिटी नहीं, क्वॉलिटी के रास्ते पर हैं। 'छावा' में औरंगजेब के रूप में अक्षय का प्रदर्शन कमाल से कम नहीं। एक ऐतिहासिक किरदार में उन्होंने जो संयम और भावनात्मक परतें जोड़ीं, वह दर्शकों और समीक्षकों दोनों को हैरान कर गया। लोग इसे 'संयम में मास्टरक्लास' कहने लगे।

2025 अक्षय खन्ना का साल

सोशल मीडिया पर अक्षय की तारीफों की जैसे झड़ी लगी है। लोग कह रहे हैं, '‘A’ का मतलब ऑरा होता है यानी अक्षय खन्ना!' कोई कह रहा है, 'धुरंधर में वह अलग ही लेवल पर थे!' वहीं एक शख्स ने कहा, '2025 को अक्षय खन्ना का साल घोषित करो!' वैसे गौर करने वाली बात है कि साल की शुरुआत में उन्होंने 'छावा' जैसी धांसू फिल्म दी और अब साल के अंत में वो 'धुरंधर' से छा गए। इस साल वो एक संवेदनशील, शक्तिशाली और असरदार परफॉर्मर के रूप में उभर चुके हैं।

अब बारी ‘महाकाली’ की, शुक्राचार्य के अवतार में अक्षय

प्रशांत वर्मा के सुपरहीरो यूनिवर्स का तीसरा अध्याय 'महाकाली' शुरू हो चुका है और इस बार अक्षय निभा रहे हैं राक्षसों के गुरु 'शुक्राचार्य' का रोल। दशहरे पर जारी हुआ उनका पहला लुक अंधेरे और शक्ति का शानदार मिश्रण है। पोस्टर पर लिखा था, 'देवताओं की छाया में, सबसे तेज लौ उठी…' और यह लौ अक्षय ही हैं। अक्षय खन्ना की यह नई उड़ान सिर्फ वापसी नहीं, एक तरह से फिल्मों की दुनिया में उनका पुनर्जन्म है। इसे एक शांत कलाकार का शोर मचा देने वाला उदय कह सकते हैं।

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