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4G, 4.5G, 5G और 5.5G में क्या है अंतर? आसान भाषा में समझें नेटवर्क की नंबरिंग प्रक्रिया

भारत में इस्तेमाल होने वाले 90 प्रतिशत फोन 4G या 5G नेटवर्क पर काम करते हैं। वहीं, 2G फीचर फोन के यूजर्स लगातार कम हो रहे हैं। टेलीकॉम सर्विस के लिए यह नेटवर्क नंबरिंग प्रक्रिया क्या है? आइए जानते हैं...

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Oct 10, 2025 04:35 pm IST, Updated : Oct 10, 2025 04:35 pm IST
Network numbering process- India TV Hindi
Image Source : UNSPLASH नेटवर्क नंबरिंग प्रक्रिया

दुनियाभर में 6G नेटवर्क टेक्नोलॉजी की बातें हो रही है। 2030 तक भारत समेत कुछ देश इस नेटवर्क टेक्नोलॉजी को लॉन्च कर देंगे। इसके लिए टेस्ट बेड भी तैयार हो गया है। हाल में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (MWC 2025) में पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा, जो 6G सबसे पहले लॉन्च करेंगे। आज से करीब 11 साल पहले यानी 2014 में भारत में 4G सर्विस को कमर्शियली लॉन्च किया गया था। इसके बाद 4.5G और 5G सर्विस भी भारत में लॉन्च हो चुकी हैं। वहीं, 5.5G या 5G-A (एडवांस) सर्विस भी लॉन्च होने वाली है। आखिर, 4G, 4.5G, 5G और 5.5G नेटवर्क टेक्नोलॉजी में क्या अंतर है? टेलीकॉम नेटवर्क की नंबरिंग की क्या प्रक्रिया है? आइए जानते हैं...

4G, 4.5G, 5G और 5.5G में क्या है अंतर?

4G, 4.5G, 5G और 5.5G अलग-अलग जेनरेशन के वायरलेस नेटवर्क तकनीक हैं। इनमें G का मतलब जेनरेशन से है। 4G यानी चौथी जेनरेशन की नेटवर्क तकनीक को LTE यानी लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन भी कहा जाता है। वहीं, 5G इसका अपग्रेड वर्जन है, जो 4G के मुकाबले 10 गुना तेज है। 4.5G को 4G और 5G के बीच वाला नेटवर्क कहा जाता है, जबकि 5.5G को 5G का एडवांस वर्जन यानी 5G-A भी कहा जाता है।

4G

4G ने मोबाइल टेक्नोलॉजी के आयाम को बदल दिया है। चौथी जेनरेशन की नेटवर्क टेक्नोलॉजी ने हाई स्पीड इंटरनेट डेटा और हाई क्वालिटी ऑडियो और वीडियो कॉलिंग से दुनियाभर को अवगत कराया था। यह टेक्नोलॉजी LTE यानी लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन तकनीक पर बेस्ड है, जिसमें हाई क्वालिटी वीडियो स्ट्रीमिंग की जा सकती है। 4G के आने के बाद से ही IoT यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेज लोकप्रिय हुए हैं।

4G

Image Source : UNSPLASH
4जी

4.5G

यह 4G और 5G के बीच एक पुल का काम करता है। यह नेटवर्क टेक्नोलॉजी 4G के मुकाबले ज्यादा तेज है और बेहतर कैपेसिटी के साथ डेटा ट्रांसफर कर सकती है। इसमें VoLTE यानी वॉइस ओवर LTE कनेक्टिविटी संभव हो सकी है। इसमें ऑडियो कॉल के साथ-साथ इंटरनेट भी एक्सेस किया जा सकता है।

5G

5G यानी पांचवी जेनरेशन की नेटवर्क तकनीक मौजूदा समय में इस्तेमाल की जा रही है। भारत में 5G सर्विस को 2022 में कमर्शियली लॉन्च किया गया था। महज 3 साल के अंदर ही देश के लगभग 99 प्रतिशत जिले 5G सर्विस से जुड़ गए हैं। 4.5G की तरह ही 5G में बेहतर स्पीड से इंटरनेट डेटा और हाई क्वालिटी ऑडियो कॉलिंग सर्विस एक्सेस किया जा सकता है। यह 4.5G का भी अपग्रेड है, जिसकी इंटरनेट डेटा कैपेसिटी 4G के मुकाबले 10 गुना ज्यादा है।

5.5G

इसे 5G-A यानी 5G एडवांस भी कहा जा रहा है। यह मौजूदा 5G और अपकमिंग 6G के बीच पुल का काम करेगा। इसमें 5G सर्विस को और भी उत्कृष्ट किया जाएगा, ताकि कम्युनिकेशन और भी बेहतर हो सके। यह टेक्नोलॉजी मोबाइल डिवाइसेज के साथ-साथ AI और मशीन के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने का काम करेगी। कई टेलीकॉम कंपनियों ने 5.5G को रोल आउट करना शुरू कर दिया है।

5G

Image Source : UNSPLASH
5जी

4G, 4.5G, 5G और 5.5G को आसान भाषा में समझा जाए तो इन सभी नेटवर्क टेक्नोलॉजी में हर जेनरेशन के साथ कनेक्टिविटी बेहतर होती है। उदारण के तौर पर अगर 4G में 100Mbps की स्पीड से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है तो 5G में 1Gbps की स्पीड से इंटरनेट डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है। वहीं, 4.5G में इंटरनेट डेटा की स्पीड 4G के मुकाबले बेहतर होगी। यह MIMO यानी मल्टीपल इनपुट और मल्टीपल आउटपुट पर बेस्ड है, जिसमें एक साथ डेटा मल्टीपल डिवाइस के साथ एक्सेस किया जा सकता है।

कैसे होती है नेटवर्क की नंबरिंग प्रक्रिया?

नेटवर्क की नंबरिंग प्रक्रिया जेनरेशन के साथ बढ़ती है। जैसे-जैसे कम्युनिकेशन तकनीक में एडवांसमेंट होता जाता है, वैसे-वैसे जेनरेशन बढ़ता जाता है। हर जेनरेशन के साथ तकनीक एडवांस होता रहता है। इसमें कनेक्टिविटी बेहतर होती रहती है और यूजर्स को बेहतर सुविधाएं मिलती हैं। हर अगली पीढ़ी में इंटरनेट की स्पीड तेज होती है।

नेटवर्क टेक्नोलॉजी हर जेनरेशन के साथ लैटेंसी यानी बिलंबता कम होती जाती है। वहीं, बैंडविथ भी बढ़ता रहता है। हर नई जेनरेशन में डिवाइस की डेनसिटी भी एडवांस होती है यानी एक समय में एक साथ डिवाइस कनेक्ट करने की क्षमता बढ़ती है, जिसकी वजह से नेटवर्क कंजेशन की समस्या खत्म हो जाती है।

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