Thursday, June 12, 2025
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30 साल की उम्र में खराब हो रहे हैं घुटने, डैमेज हो रहा है कार्टिलेज, दिखाई देते हैं ये लक्षण

Knee Pain In Young Age: घुटनों में दर्द या चलने फिरने में परेशानी सिर्फ उम्र बढ़ने पर ही नहीं होती है। ऐसा कम उम्र के लोगों में भी हो रहा है। एक स्टडी की मानें तो 30 साल की उम्र में लोगों के घुटने खराब हो रहे हैं और कार्टिलेज घिस रहे हैं।

Written By: Bharti Singh @bhartinisheeth
Published : May 13, 2025 15:42 IST, Updated : May 13, 2025 15:42 IST
युवाओं में घुटनों की समस्याएं
Image Source : FREEPIK युवाओं में घुटनों की समस्याएं

आजकल कम उम्र के युवाओं में ऐसी बीमारियां हो रही हैं जो कभी उम्र बढ़ने पर हुआ करती थीं। कहा जाता है कि उम्रदराज लोगों को घुटनों की समस्याएं होती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पिछले कुछ सालों में युवाओं में घुटने खराब होने की समस्या या घुटनों की कार्टिलेज घिसने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। कई बार इसके लक्षण दिखाई देते हैं और कई बार बिना लक्षणों की भी हड्डियों और घुटनों को ये डैमेज हो रहा होता है।

हाल ही में फिनलैंड की Oulu University में हुई एक स्टडी में इसका खुलासा किया गया है। जिसमें पता चला है कि लोगों को बिना किसी लक्षण और दर्द के डैमेज हो रहा है। 33 साल के युवाओं में कार्टिलेज डैमेज हो रहा है। जिससे कुछ लोगों को परेशानी भी हो रही है।

खराब हो रहे हैं युवाओं के घुटने हो

ऑस्टियोआर्थराइटिस एंड कार्टिलेज नामक मैग्जीन में छपी एक रिपोर्ट में पाया गया है कि घुटनों में स्ट्रक्चरल डैमेज 30 साल की उम्र के युवाओं में आम हो रहा है। यहां तक ​​कि उन लोगों में भी जिनमें कोई लक्षण नहीं होते। इस रिसर्च में शामिल करीब दो-तिहाई युवाओं में कार्टिलेज डैमेज या बढ़ी हुई हड्डी की समस्या देखी जा रही है। सबसे अहम बात ये है कि इस ओर लोगों का ध्यान भी नहीं जा रहा है।

घुटनों में कार्टिलेज कम होने के कारण

हालांकि ज्यादातर लोगों को दर्द जैसे कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहे हैं। अधिकतर केस में उन घुटनों में स्ट्रक्चरल चेंज देखे गए और आधे से ज्यादा लोगों के कार्टिलेज में क्षति और घुटने की कैपिंग जो थाई और हड्डी से मिलती है वहां डैमेज पाया गया।

कम उम्र में घुटने खराब होने के कारण

स्टडी में पाया गया है कि घुटनों में होने वाली इन समस्याओं का बड़ा कारण वजन है। बॉडी मास इंडेक्स को घुटने के डैमेज होने का क्षति की बढ़ती दरों का गंभीर कारण माना गया है। इसके अलावा खूव में यूरेट का बढ़ा हुआ स्तर और सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर भी घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण है।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)

 

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