Friday, May 03, 2024
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ठंड-कोहरे के डबल अटैक के बीच कहीं हो न जाएं काला दमा (COPD) के शिकार, जानें क्या है ये बीमारी और कैसे बचें

दिल्ली में लगातार तापमान (cold wave delhi temperature) गिरता जा रहा है। ऐसे में लोगों में फेफड़ों से जुड़ी ये गंभीर बीमारी बढ़ रही है।

Pallavi Kumari Written By: Pallavi Kumari
Published on: January 10, 2023 9:23 IST
COPD_Winter_health- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK COPD_Winter_health

दिल्ली (cold wave delhi) समेत पूरा उत्तर भारत इस समय ठंड-कोहरे के डबल मार झेल रहा है। स्थिति ऐसी है कि रोजाना तापमान (cold wave delhi temperature) में गिरावट दर्ज की जा रही है। हर दिन तापमान 9 डिग्री से लेकर 2  डिग्री तक के बीच गिरता जा रहा है और आम लोग इसके चलते कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। ऐसी ही एक बीमारी है काला दमा (COPD)। जी हां, ये फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जो कि सर्दियों में अचानक ठंड बढ़ने और साथ ही आस-पास बढ़ते प्रदूषण की वजह से बढ़ता है। आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।

क्या है काला दमा की बीमारी-What is COPD

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic obstructive pulmonary disease) तब होता है जब फेफड़ों की नलियां डैमेज हो जाती है। इसकी शुरुआत पहले नलियों के सिकुड़ने और सूजन की वजह से होती है और धीमे-धीमे ये सांस लेने में दिक्कत पैदा करती है। इससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और गंभीर स्थितियों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। 

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काला दमा की बीमारी का कारण-Causes of COPD

काला दमा की बीमारी के पीछे कई कारण हो सकते हैं और पहला हो सकता है सर्दियों की सर्द हवा जो कि इस बीमारी को ट्रिगर कर सकती है। इसके अलावा इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि-

-धूल और रसायनों के संपर्क में आने से जिससे फेफड़े खराब हो सकते हैं और सीओपीडी का खतरा बढ़ सकता है।
-कोयले की धूल
-धूम्रपान करने से
-अनाज और आटे की धूल
-वेल्डिंग का धुंआ
-कैडमियम धूल और धुएं से
-आइसोसाइनेट से

COPD_coldwave

Image Source : FREEPIK
COPD_coldwave

काला दमा के लक्षण-Symptoms of COPD

सीओपीडी के लक्षण अक्सर तब तक सामने नहीं आते जब तक कि फेफड़ों को अंदर से कोई नुकसान न हो रहा हो। ऐसे में शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिख सकते हैं। जैसे 
-सांस की तकलीफ
-शारीरिक गतिविधियों के दौरान घरघराहट
-सीने में जकड़न
-एक पुरानी खांसी जो सफे या पीले या पीले रंग का बलगम आ सकता है। 
-बार-बार लंग्स इंफेक्शन होना।

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काला दमा की बीमारी से कैसे बचें-Prevention Tips

काला दमा की बीमारी से बचाव का एक तरीका यह है कि आप सबसे पहले तो धूम्रपान छोड़ें। इसके अलावा इसके जोखिम को कम करने के लिए फ्लू टीकाकरण और न्यूमोकोकल न्यूमोनिया के खिलाफ नियमित टीकाकरण लें। इसके बाद ठंड से बचें और घर से बाहर निकलते समय अच्छे से कपड़ा पहन लें, मास्क पहनें और धूल व धुएं से दूर रहें।
Source:NHS

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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