
आजकल की बदलती जीवनशैली, खराब खानपान और एक्सरसाइज़ की कमी से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ने लगता है। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल से जुड़ी बीमारियों का रिस्क भी बढ़ने लगता है। ऐसे में अपने आप को हेल्दी और फिट रखने के लिए लोग वॉक करते हैं या जिम जाते हैं। जिम के मुकाबले वॉक करने वालों की संख्या ज़्यादा होती है। ऐसे में अगर वॉक करते समय आपको अपने शरीर में कुछ लक्षण नज़र आए तो समझ जाएं कि आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है। चलिए, जानते हैं वॉकिंग के दौरान आप यह कैसे पता कर सकते हैं?
वॉक के दौरान दिखे ये लक्षण तो बढ़ सकता है कोलेस्ट्रॉल:
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पैरों में दर्द:चलते समय अगर पैरों में ज़्यादा दर्द हो तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों में से एक है। जैसे-जैसे धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होता है, वे छोटी होती जाती हैं और मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होती जाती है। इससे पिंडलियों, जांघों या नितंबों में दर्द या थकान होती है, खासकर चलते या सीढ़ियाँ चढ़ते समय।
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मांसपेशियों में कमज़ोरी: हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण धमनियों के सिकुड़ने से पैरों की मांसपेशियों में कमज़ोरी आ सकती है। यह चलने, संतुलन बनाने या यहाँ तक कि लंबे समय तक खड़े रहने के रूप में देखा जाता है।
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निचले हिस्से में ठंड: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होता जिससे पैर दूसरे अंग की तुलना में ठंडा होता है। खासकर टहलने के दौरान या बाद में। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धमनियों के कम होने से रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है, जिससे गर्मी का प्रसार कम हो जाता है।
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सुन्नपन या झुनझुनी: चलते समय अगर पैरों में झुनझुनी हो रही है तो यह भी हाई कोलेस्ट्रॉल का एक लक्षण है। कोलेस्ट्रॉल जमा होकर धमनियों को संकरा करता है जिससे तंत्रिका कार्य प्रभावित होता है। इस वजह से चलते समय पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन का अनुभव होता है।
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रंग परिवर्तन:चलते समय पैरों के रंग में अगर बदलाव हो जैसे हल्का या बैंगनी-नीला रंग तो यह हाई कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है। जब धमनियाँ संकरी हो जाती हैं, तो ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता जिससे त्वचा का रंग बदलने लगता है।
कैसे करें बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल:
कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा है या नहीं उसे पता करने के लिए नियमित रूप से जांच करवाएं। अपनी डाइट करें अच्छी। ट्रांस और फैट को सीमित करते हुए फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और प्रोटीन को डाइट में शामिल करें। नियमित रूप से व्यायाम करें, जिसमें पैदल चलना भी शामिल है। यह हृदय प्रणाली को बढ़ाता है और वजन बनाए रखने में सहायता करता है।