Thursday, May 16, 2024
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आरे जंगलों पर फिलहाल नहीं चलेगी आरी, सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर लगाई रोक, कंस्‍ट्रक्‍शन रहेगा जारी

मुंबई के आरे क्षेत्र में पेड़ों को गिराये जाने पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है। आज इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने यह फैसला सुनाया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 07, 2019 12:33 IST
SUPREME COURT- India TV Hindi
Image Source : PTI SUPREME COURT

नई दिल्ली। मुंबई के आरे क्षेत्र में पेड़ों को गिराये जाने पर उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की विशेष पीठ ने कहा कि वह पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे । साथ ही पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख नियत की। पीठ ने कहा, ‘‘अब कुछ भी ना काटें।’’ पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी पेड़ों को काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। हालांकि उच्चतम न्यायालय ने सिर्फ पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई है, कंस्ट्रक्शन वर्क पर नहीं।

न्यायालय ने निर्देश दिया कि अगर कोई गिरफ्तारी के बाद अब तक रिहा नहीं किया गया है तो उसे निजी मुचलका भरने के बाद रिहा कर दिया जाए। सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने पीठ से कहा था कि आरे में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को रिहा कर दिया गया। पूरे रिकॉर्ड की जानकारी न होने की सॉलिसिटर जनरल की अपील पर गौर करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मामले पर फैसले तक आरे में कुछ भी काटा नहीं जाएगा। 

बहरहाल, महाराष्ट्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना पर विचार करने के बाद पीठ ने कहा कि आरे कोई विकास क्षेत्र नहीं है और ना ही पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र है, जैसा कि याचिकाकर्ता ने दावा किया है। न्यायालय ने रविवार को फैसला किया था कि पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ विधि के छात्र रिषव रंजन द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे खत को जनहित याचिका के तौर पर पंजीकृत किया जाए। 

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर मामले में अत्यावश्यक आधार पर सुनवाई का नोटिस पोस्ट किया गया था। बंबई उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर को आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने और वहां पेड़ काटने संबंधी बीएमसी के एक फैसले को रद्द करने को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर करते हुए ‘मेट्रो कार शेड’ के लिए 2,600 से अधिक पेड़ों को काटने की मंजूरी दे दी थी। 

उल्लेखनीय है कि मेट्रो की रेक का डिपो बनाने के लिए आरे में पेड़ काटे जा रहे हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने पेड़ काटने के मुंबई नगर निगम के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। बंबई उच्च न्यायालय ने शनिवार को पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। 

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