Saturday, May 11, 2024
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हरियाणा: प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में केस दर्ज

हरियाणा पुलिस ने भारतीय किसान संघ (बीकेयू) की प्रदेश इकाई के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी और कई किसानों पर हत्या का प्रयास, दंगे करने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: November 28, 2020 22:15 IST
हरियाणा: प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में केस दर्ज- India TV Hindi
Image Source : PTI हरियाणा: प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में केस दर्ज

अंबाला: हरियाणा पुलिस ने भारतीय किसान संघ (बीकेयू) की प्रदेश इकाई के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी और कई किसानों पर हत्या का प्रयास, दंगे करने और अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। विपक्षी कांग्रेस ने दावा किया कि ‘‘दिल्ली चलो’’ मार्च के दौरान विभिन्न उल्लंघनों के लिए पुलिस ने हरियाणा में 20 हजार से अधिक किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं। अंबाला में, चढूनी और अन्य के खिलाफ पराव पुलिस थाने में हेड कांस्टेबल प्रदीप कुमार की शिकायत पर 26 नवंबर को धारा 307(हत्या का प्रयास), 147(दंगा करने), 149 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने), 186 (लोकसेवकों के सरकारी काम में बाधा पहुंचाने) और 269 (बीमारी का संक्रमण फैलाने जैसे लापरवाही भरे काम कर दूसरों के जीवन को खतरे में डालने) के तहत मामला दर्ज किया गया। 

प्राथमिकी में चढूनी और कई अन्य अज्ञात किसानों को नामजद किया गया है। इसके अनुसार, हरियाणा बीकेयू प्रमुख और अन्य अंबाला में मोहरा गांव के निकट एकत्र हुए थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि घटनास्थल पर पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपाधीक्षक राम कुमार ने चढूनी को आगे बढ़ने से रोका लेकिन उन्होंने मना कर दिया। इसमें कहा गया है कि चढूनी और अन्य किसानों ने अपने ट्रैक्टरों की मदद से पुलिस के बैरिकेड तोड़ दिए। एफआईआर के अनुसार, कुछ पुलिस अधिकारी बचकर वहां से निकले अन्यथा वे दिल्ली की ओर बढ़ रहे ट्रैक्टरों से कुचले जा सकते थे। इन लोगों पर कोविड-19 महामारी से संबंधित दिशानिर्देशों के उल्लंघन का भी आरोप है। पुलिस बैरियर तोड़ने और अन्य आरोपों में पंजाब के कुछ किसानों के खिलाफ पानीपत में भी मामला दर्ज किया गया है। 

पानीपत के सेक्टर 29 पुलिस थाने के प्रभारी राजवीर सिंह ने फोन पर कहा, ‘‘भादंसं की धारा 188 (लोकसेवक द्वारा दिए गए आदेश की अवज्ञा करना), आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और अन्य प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज किया गया है।” कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन किसानों की पूरी कानूनी मदद करेगी, जिनके खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं। उन्होंने दावा किया कि यह निंदनीय है कि अंबाला में पानी की बौछार करने वाली गाड़ी (वाटर कैनन) पर चढ़ने वाले एक युवा प्रदर्शनकारी के खिलाफ ‘‘हत्या के प्रयास के तहत’’ मामला दर्ज कर लिया गया। 

उन्होंने किसानों के मार्च को रोकने के लिए पानी की बौछार करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए राज्य की भाजपा-जजपा सरकार की निंदा की। दो दिन पहले हरियाणा के पुलिस प्रमुख मनोज यादव ने कहा था कि उनके बल ने ‘‘काफी धैर्य’’ से काम लिया। प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर पथराव किया। डीजीपी ने बयान जारी कर कहा था कि पूरे प्रकरण में न केवल काफी संख्या में पुलिसकर्मी जख्मी हुए बल्कि पुलिस के और निजी वाहनों को क्षति भी पहुंची। प्रदर्शनकारियों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए हरियाणा के कई हिस्सों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

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