Friday, April 26, 2024
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कोरोना के बीच बर्ड फ्लू और स्वाइन फीवर की दस्तक, सरकार सतर्क

कोरोनावायरस संक्रमण की दहशत के बीच अब बिहार में बर्ड लू और स्वाइन फ्लू की आशंका से लोगों में दहशत व्याप्त है। इस बीच, सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। 

IANS Reported by: IANS
Published on: March 18, 2020 14:40 IST
कोरोना के बीच बर्ड फ्लू और स्वाइन फीवर की दस्तक, सरकार सतर्क- India TV Hindi
कोरोना के बीच बर्ड फ्लू और स्वाइन फीवर की दस्तक, सरकार सतर्क

पटना/भागलपुर: कोरोनावायरस संक्रमण की दहशत के बीच अब बिहार में बर्ड लू और स्वाइन फ्लू की आशंका से लोगों में दहशत व्याप्त है। इस बीच, सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। पटना में कई कौवों की मौत के बाद उसमें बर्ड लू की पुष्टि हुई है। हालांकि भागलपुर में हो रही सूअरों की मौत को चिकित्सक 'स्वाइन फीवर' बता रहे हैं। बिहार के कई क्षेत्रों में पिछले दिनों कौओं की मौत हुई थी।

पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के लोहियानगर में 15 फरवरी को कई कौवों की मौतें हुई थीं। इसके बाद वहां से दो बार सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। दोनों बार ही बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। पशुपालन विभाग के एनिमल हेल्थ एंड प्रोडक्शन इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ़ उमेश कुमार ने बताया कि बर्ड लू और स्वाइन फीवर के बाद सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं। उस इलाके को सैनिटाइजेशन कराया गया है।

उन्होंने कहा, "प्रभावित इलाकों की निगरानी की जा रही है। क्षेत्र में चलने वाली मीट-मुर्गा की दुकानों से भी सैंपल लिए गए हैं।" उन्होंने कहा कि निरंतर बदलते मौसम के कारण पूरे राज्य में सर्विलांस बढ़ाई गई है तथा सुरक्षात्मक कदम उठाए गए हैं।

इधर, भागलपुर के कुछ इलाकों में पिछले एक पखवारे में 45 से 50 सूअरों की मौत हुई है। चिकित्सक इसे स्वाइन फीवर बता रहे हैं। मंगलवार को भी भागलपुर में दो सूअरों की मौत हुई थी, जबकि रविवार को मायागंज में आठ सूअरों की मौत हुई थी।

भागलपुर के जिला पशुपाालन पदाधिकारी डॉ़ शंभूनाथ झा ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, "पिछले एक सप्ताह-10 दिन में 45 से 50 सूअरों की मौत हुई है। इसकी मुख्य वजह 'स्वाइन फीवर' है। पिछले दिनों बारिश और गर्मी के कारण सूअरों को फीवर हुआ।"

उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि मृत सूअरों के सैंपल कोलकाता भेज गए हैं, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं है। रिपोर्ट आने के बाद ही मरने के सही कारणों का पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि सूअर पालकों के बीच दवा का वितरण कराया जा रहा है।

इस बीच भागलपुर के प्रभावित इलाकों में नगर निगम द्वारा चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है तथा मृत सूअरों को आबादी से दूर ले जाकर दफना दिया जा रहा है। पशु चिकित्सक हालांकि स्वाइन फीवर को भी स्वाइन फ्लू की तरह ही नुकसानदेह बता रहे हैं।

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