तिरूवनंतपुरम: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से केरल सरकार का पूर्ण बंदी का आदेश रविवार को अमल में आया और सूबे में दुकानें पूरी तरह बंद रहीं जबकि सड़कों से वाहन नदारद थे । केरल की वाम मोर्चा सरकार ने शनिवार की रात रविवार को प्रदेश में पूर्ण बंद का आदेश दिया था । हालांकि, आवश्यक वस्तुओं की दुकानों एवं आवश्यक सेवाओं पर यह बंद प्रभावी नहीं है।
मुख्यमंत्री पी विजयन ने शुक्रवार को कहा था कि प्रदेश में कोविड—19 के मामले इकाई अंक में आने के बाद केरल सरकार ने लॉकडाउन में कुछ ढील दी है । केरल में दो नये मामले सामने आये थे । ये दोनों लोग अबु धाबी एवं दुबई से शनिवार को लौटे थे और उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुयी थी । चार लाख लोगों ने वापसी की इच्छा जाहिर करते हुये नोरका पोर्टल पर स्वयं को पंजीकृत किया है और विदशों से आने वाले दोनों व्यक्तियों में वायरस की पुष्टि होने के बाद इससे चिंतायें बढ़ गयी हैं। बंद के कारण आज पूरे प्रदेश में सड़कें खाली थी, दुकानें बंद थी । केवल आवश्यक वस्तुओं , दूध एवं दवाईयों की दुकानें खुली थी । अस्पतालों, प्रयोगशालाओं एवं मीडिया को रविवार को काम करने की अनुमति दी गयी है।
प्रदेश के मुख्य सचिव टॉम जोश की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, कार्बन उत्सर्जन को कम करने, पर्यावरण और राज्य की हरियाली की रक्षा करने के उद्देश्य से, राज्य भर में रविवार को लॉकडाउन के लिए मानक परिचालन प्रोटोकॉल का पालन किया जायेगा। आदेश में कहा गया है कि अगले आदेश तक हर रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन का पालन किया जायेगा । इस दौरान कोविड—19 से संबंधित काम करने वाले विभागों में, मालवाहक वाहनों के आवागमन, कचरा निस्तारण एजेंसियों आदि को काम काम करने की अनुमति दी गयी है । इन्हें सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक जबकि आनलाइन डिलीवरी सर्विस को रात दस बजे तक काम करने की अनुमति है ।
आदेश में कहा गया है कि रविवार को चिकित्सकीय आपात स्थिति में ही लेागों को निकलने की अनुमति है । इसके अलावा आपात ड्यूटी के लिये सरकारी करमचारियों को तथा कोविड—19 से संबंधति काम करने वाले लोगों को ही आने जाने की अनुमति है । केरल सबसे पहले इस घातक वायरस की चपेट में आने वाले राज्यों में शामिल है । लेकिन इस वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिये रज्य की वैश्विक स्तर पर सराहना हुयी है। प्रदेश में केवल 17 सक्रिय मामले हैं और 505 में से 485 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं । इस वायरस की चपेट में आने से प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें चार महीने की एक बच्ची भी शामिल है।