
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) 16 जनवरी को देशव्यापी कोविड-19 टीकाकरण अभियान (Covid-19 Vaccination Drive) की शुरुआत करेंगे और इसके मद्देनजर सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों (Vaccines) की पर्याप्त खुराकें भेज दी गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्री की अपील
ऐसे में टीकाकरण अभियान के शुरू होने से एक दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोगों से किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की गलत जानकारियां फैलाने की कोशिश हो रही है, जिसपर ध्यान न दें।
अफवाहों पर विश्वास न करें: डॉ हर्षवर्धन
स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, "किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें। कई तरह की गलत जानकारियां देने का प्रयास हो रहा है। दोनों वैक्सीन हमारे वैज्ञानिकों ने तैयार की हैं, उन्हें वैज्ञानिक तरीके से जांचने के बाद ही आपातकालीन उपयोग के लिए स्वीकृति दी गई है।"
दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान
उन्होंने कहा, "दुनिया के सबसे बड़े कोविड के टीकाकरण अभियान की शुरूआत भारत में कल हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी जी कल सुबह 10 बजे उसकी औपचारिक शुरूआत करेंगे। हमारी पूरी तैयारी है। कल 3006 स्थानों पर हेल्थ वर्कर्स को कोविड की वैक्सीन मिलनी शुरू होगी।"
टीकों की पर्याप्त खुराकें भेजी गई
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, नागर विमानन मंत्रालय के सक्रिय सहयोग से सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेजी गई हैं तथा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इन्हें सभी जिलों में भेज दिया है।
हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण होगा
PMO के अनुसार, इस कार्यक्रम से सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 3006 स्थान डिजिटल माध्यम से जुडेंगे और हर केंद्र पर 100 लाभार्थियों का टीकाकरण (Vaccination) होगा।
पहले दिन करीब 3 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को लगाए टीका
टीकाकरण अभियान के पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए जाएंगे। वहीं, पहले चरण में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण करने का लक्ष्य है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी शामिल हैं।
कौन-कौनसी वैक्सीन मौजूद हैं?
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ को देश में सीमित आपात इस्तेमाल के लिये भारत के औषधि नियामक की ओर से पिछले दिनों मंजूरी दी गई थी।
फ्री मिलेगी वैक्सीन?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स की संख्या देखें तो यह करीब 3 करोड़ होती है। यह तय किया गया है कि पहले चरण में इन 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में जो खर्च होगा उसे राज्य सरकारों को नहीं देना, उसे भारत सरकार वहन करेगी।