नवंबर, 2013 में इस मामले की पहली सुनवाई होनी थी। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान सुनवाई से हट गया। उसने अदालत में एक याचिका दाखिल कर कहा कि चूंकि वह भारत की तरफ से कूटनीतिक दबाव का सामना कर रहा है और सभी पक्षकारों के साथ बंटवारे की सहमति बनाने की कोशिश कर रहा है इसलिए फिलहाल सुनवाई स्थगित कर दी जाए। इस मामले पर इसी जनवरी में अदालत ने पाकिस्तान की याचिका खारिज कर भारत और निजाम के वंशजों को सुनवाई का हिस्सा बनने को कहा था।
दो दिन पहले उसने क्लियर किया कि पाकिस्तान हैदराबाद फंड पर इम्युनिटी का हक खो दिया है। इसलिए इस पर फैसला अदालत करेगी।