Monday, April 29, 2024
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अधिकारी की विधवा को मिल रही थी कम पेशंन, सेना के सामने मामला आया तो खाते में डाले गए 67 लाख

लेफ्टिनेंट कर्नल सुरिंदर सिंह चौधरी, वीएसएम एनडीए और डीएसएससी के पूर्व छात्रों को 1961 में 4 ग्रेनेडियर्स में कमीशन किया गया था। उन्होंने 1962, 1965 और 1971 के ऑपरेशन में भाग लिया था।

Manish Prasad Reported by: Manish Prasad @manishindiatv
Updated on: July 18, 2020 14:06 IST
Indian Army deposit 67 lakhs to officer's widow bank account- India TV Hindi
Indian Army deposit 67 lakhs to officer's widow bank account

नई दिल्ली: भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रहे सुरिंदर सिंह चौधरी ने 1962, 1965 और 1971 के ऑपरेशन में भाग लिया था। 1971 में, शकरगढ़ सेक्टर में रहते हुए, वह घायल हो गए, अपनी एक आंख खो दी और उसके बाद युद्ध बंदी ले लिया। लगभग छह महीने की कैद के बाद उन्हें वापस लाया गया। उन्होंने एक किताब भी लिखी थी "मैं पाकिस्तान में युद्धबंदी था।"

सुरेंद्र सिंह चौधरी की मौत 1987 में ब्लड कैंसर से हो गई। उनकी मृत्यु को सैन्य सेवा के लिए योग्य घोषित किया गया और परिवार को विशेष पारिवारिक पेंशन मंजूर की गई। उनकी पत्नी को 1,18000 रुपए पेंशन मिलनी चाहिए थी लेकन उन्हें 45,000 रुपए ही मिल रहे थे। कुछ महीने पहले जब एक बटालियन ऑफिसर जाकर परिवार वालों से मिले तो पेंशन की दिक्कत का पता चला। उन्होनें सुरेंद्र सिंह की पत्नी को डायरेक्टरेट ऑफ इंडियन आर्मी वेटरन्स में जाकर सीधे बात करने की सलाह दी। जिसके बाद सुरेंद्र सिंह की बेटी ने वहां जाकर अपनी बात रखी। 

जब सेना अधिकारियों के द्वारा कागजात की जांच कराई गई तो पता चला की वह 1,18000 पेंशन की हकदार है लेकिन उन्हें 45,000 ही पेंशन मिल रही है। जिसके बाद पंचकुला में एसबीआई के सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (सीपीपीसी) में संपर्क किया गया और डिफेंस बैंकिंग एडवाइजर को भी बताया गया। सीपीपीसी ने माना कि गलती हुई है और बैंक मर्जर की वजह से यह गलती हुई। जिसके बाद पिछले महीने ही पुष्पलता के अकाउंट में बकाया 67,49,169 रुपये क्रेडिट किए गए। अब उन्हें पेंशन भी 1,18000 रुपये मिल रही है।

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